प्रयागराज: उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन, राजनीतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री व प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक नन्दगोपाल गुप्ता नंदी पर 2010 में हुए आरडीएक्स बम ब्लास्ट जानलेवा हमले के मामले में अपर जिला जज एमपी-एमएलए कोर्ट में शुक्रवार को एक बार फिर सुनवाई हुई. जिसमें फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन आफिसर एके निगम की गवाही होनी थी, लेकिन एक बार फिर वे कोर्ट में पेश नहीं हुए. वहीं, जिला अदालत में आज हड़ताल भी हो गई. जिसकी वजह से कोर्ट ने 22 जनवरी की अगली डेट निर्धारित कर दी.
मामले में कुल 84 गवाह
मंत्री नंदी पर हुए जानलेवा हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का निर्देश है कि इस मामले को जल्द से जल्द खत्म किया जाए. मंत्री नंदी की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे बम ब्लास्ट मामलों के एक्सपर्ट अधिवक्ता जेपी शर्मा ने बताया कि मंत्री नंदी पर 2010 में हुए हमले की सुनवाई अब अंतिम चरण में है. मामले में कुल 84 गवाह हैं, जिसमें 61 की गवाही हो चुकी है. कुल 16 लोग आरोपी हैं, जिनमें एक आरोपी को मौत हो चुकी है.
22 जनवरी को अगली सुनवाई
इस लोमहर्षक घटना में एक पत्रकार व एक सुरक्षाकर्मी समेत दो लोगों की मौत हो गई थी, 6 लोग घायल हुए थे. कुख्यात अपराधी भदोही जनपद के विधायक विजय मिश्रा और पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा जैसे कुख्यात अपराधियों ने अपने गुर्गों के जरिए मंत्री नंदी पर बम ब्लास्ट करवाया. वरिष्ठ अधिवक्ता जेपी शर्मा ने बताया कि 22 जनवरी के लिए मुकदमे की सुनवाई मंजूर हुई है. मुकदमा अंतिम चरण में है. बहुत जल्द इस केस का फैसला आने वाला है, उन्होंने बताया कि कुख्यात अपराधियों को एक ओर जहां चिंता होनी चाहिए कि किस प्रकार से वे समाज में अपराध करते हैं, उससे मुक्ति मिलेगी और समाज को भी संदेश जाएगा कि कानून से बढ़कर कोई नहीं
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