(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
25 से 50 साल के लोगों में क्यों बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, रिसर्च में सामने आई बड़ी वजह
UP News: कानपुर में राजकीय हार्ट सेंटर में दिल के रोगियों की संख्या कोरोना काल के बाद दो गुना हो गई है. डॉक्टरों ने रिसर्च में पाया कि वर्क फ्रॉम होम इसके पीछे की बड़ी वजह बनी है.
Kanpur News: कानपुर में राजकीय हार्ट सेंटर में दिल के रोगियों की संख्या कोरोना काल के बाद दो गुना हो गई है हर रोज 1500 मरीज यहां पहुंच रहे हैं. घर पर बैठ कर काम करने की आदत और कोरोना काल इन मरीजों के इजाफे की वजह बनी हुई है. कानपुर कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल में पहले एक दिन में तकरीबन 700 से 800 मरीज आते थे तो अब वहीं कोरोना समय के बाद से मरीजों की संख्या में दो गुना का इजाफा देखने को मिल रहा है. राजकीय हार्ट सेंटर में हुए शोध में खुलासा हुआ कि कोरोना समय से जिस तरह लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा ऐतिहातन दी गई थी. वही सुविधा लोगों के लिए बीमारी को वजह साबित हुई.
वर्क फ्रॉम होम, इकोनॉमी का काम होना और स्ट्रेस का बढ़ना जिसके चलते लोगों में नशे करना फिर चाहे सिगरेट हो या शराब इसने लोगों को दिल का रोगी बनाना शुरू कर दिया, जिससे हार्ट की नसें कमजोर होने लगी और लोगों ने घर पर ही काम के दौरान सिगरेट और शराब का सेवन शुरू कर दिया. इन सब के बीच लोगों का व्यायाम न करना भी एक बड़ी वजह साबित हुआ जिसकी वजह से जो मरीज पहले आते थे, अब उनकी संख्या बढ़ गई है.
इस वजह से बढ़ रहे हैं हार्ट के मरीज
राजकीय हार्ट सेंटर के निदेशक डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि, कोरोना काल में लोगों को वर्क फ्रॉम होम के लिए बोला गया. जब वो घर से ही काम करने लगे सैलरी कम हुई तो बहुत से लोगों की नौकरी खतरे में आ गई. जिससे घर मे रहते हुए लोगों में आर्थिक तनाव बढ़ा जिसके चलते लोग सिगरेट और शराब के आदी होने लगे और व्यायाम करना बंद कर दिया. नशे ने हार्ट की नसों की कई लेयर को कमजोर कर दिया जिससे उनके शरीर में दर्द, चेस्टपेन, जैसी समस्याएं आने लगी और लोग अस्पताल भागने लगे.
अगर इन सभी समस्याओं से बचना है तो आदत में बदलाव करने होंगे, व्यायाम करने से तनाव भी कम होता है और लोग इन तरह की समस्या से बच भी जायेंगे. पहले यहां दिल के मरीजों की संख्या लगभग 800 हुआ रहती थी लेकिन अब ये संख्या दो गुनी हो गई है. इस तरह के रोगियों के बढ़ने की एक वजह ये भी है कि उन्हे आहार सही नही मिलता है. ताकत की कोई भी चीज लोगों के शरीर में नही पहुंच रही है और ये वो मरीज हैं जिनकी उम्र 25 से 50 साल के बीच है.
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