लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कुछ जगहों पर हल्की जबकि कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश हुई है. कई नदियां खतरे के निशान के करीब या पार पहुंच गयी हैं. केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा, शारदा, घाघरा, राप्ती सहित प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है या फिर कुछ स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गया है.
इटावा सबसे गर्म रहा
मौसम विभाग ने शुक्रवार को बताया कि सबसे अधिक 16 सेंटीमीटर बारिश बर्डघाट (गोरखपुर) और गुन्नौर (संभल) में रिकार्ड की गयी। सुल्तानपुर, पूरनपुर (पीलीभीत) और नरोरा (बुलंदशहर) में सात-सात, भाटपुरवाघाट (सीतापुर) में छह, बिजनौर में पांच, जबकि ककराही (सिद्धार्थनगर), मुरादाबाद और मवाना (मेरठ) में चार-चार सेंटीमीटर बारिया दर्ज की गई है.
विभाग ने बताया कि प्रदेश में 38 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ इटावा सबसे गर्म स्थान रहा. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटे में कई जगहों पर बारिश हो सकती है.
केन्द्रीय जल आयोग ने बताया कि गंगा बदायूं के कचला घाट और फतेहगढ़ में खतरे के निशान के करीब बह रही है जबकि लखीमपुर खीरी, एल्गिन ब्रिज, अयोध्या और तुर्तीपार में शारदा और घाघरा नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं.
आयोग ने बताया कि राप्ती, बूधी, रोहिन और कुनाओ नदियां भी कई जगहों पर खतरे के निशान तक पहुंच गयी हैं.
बाराबंकी के 70 गांव प्रभावित
बाराबंकी से मिली खबर के अनुसार प्रशासन ने लगभग 24 गांवों के लोगों को अन्यत्र भेज दिया है क्योंकि नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण यहां सरयू का पानी भर गया था. इससे करीब 70 गांव प्रभावित हुए हैं.
गोण्डा से मिली सूचना के मुताबिक विभिन्न बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण घाघरा खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है. कर्नलगंज तहसील में नखारा गांव के नौ मजरे पानी से घिर गये हैं. प्रशासन ने प्रभावित लोगों की मदद के लिए नौकाएं लगायी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ और गांवों में जलभराव के कारण दिक्कत हो सकती है.
जिलाधिकारी नितिन बंसल ने बताया कि बाढ़ चौकियों को सचेत कर दिया गया है क्योंकि कर्नलगंज और तरबगंज तहसीलों के कुछ गांवों के रास्तों तक पानी पहुंच गया है. प्रभावित जगहों पर नौकाएं तैनात की गयी हैं.
गोरखपुर में 80 गांव प्रभावित
गोरखपुर में घाघरा (सरयू) नदी तुर्तीपार में खतरे के निशान से लगभग 0 . 09 मीटर ऊपर बह रही है. कुनाओ नदी मुखलिसपुर में खतरे के निशान से महज 0 . 61 मीटर नीचे है. राप्ती नदी बर्डघाट में खतरे के निशान से मात्र 0 . 22 मीटर नीचे बह रही है जबकि रोहिन नदी खतरे के निशान से 0 . 53 मीटर ऊपर बह रही है.
गोरखपुर में 80 गांव बाढ से प्रभावित हुए हैं और 19 गांवों के लोगों ने अन्यत्र शरण ली है. करीब 4773 . 34 हेक्टेयर क्षेत्र और 36, 595 लोग बाढ के कारण प्रभावित हुए हैं.
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