महागठबंधन की सरकार बनना तय, कौन हैं सीएम पद के मजबूत दावेदार हेमंत सोरेन..जानिये सब कुछ
झारखंड में अगली सरकार महागठबंधन की बनेगी यह तकरीबन तय हो चुका है। जेएमएम-कांग्रेस व आरजेडी के अगुवाई में बना यह गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ा। जेएमएम के हेमंत सोरेन राज्य के अगले मुख्यमंत्री के होंगे, इस पर लगभग सहमति है।
नयी दिल्ली। झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजों ने सत्ता की तस्वीर साफ कर दी है। महागठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुये जादूई आंकड़े को तकरीबन पार कर लिया है। महागठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी को सत्ता विरोध लहर का फायदा मिला। जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है। सोरेन दुमका और बरहेट दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों ही सीटों से वे आगे चल रहे हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भी वह दो सीटों पर चुनाव लड़े थे। बरहेट से उन्हें जीत मिली थी जबकि दुमका से वह चुनाव हार गए थे। हेमंत सोरेन ने भाजपा उम्मीदवार हेमलाल मूर्मू को 23 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
हेमंत सोरेन का सियासी सफर
हालांकि हेमंत सोरेन इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। नया राज्य बनने के बाद वे पांचवें मुख्यमंत्री थे। उससे पहले वो अर्जुन मुंडा मंत्रिमंडल में उप-मुख्यमंत्री थे। उन्हें राजनीति विरासत में मिली थी। उनके पिता शिबू सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री थे, जिन्हें झारखंड में 'गुरुजी' के नाम से भी जाना जाता है। हेमंत सोरेन अभी झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। हेमंत सोरेन 2013-14 में झारखंड के मुख्यमंत्री रहे थे।
10 अगस्त, 1975 को जन्मे हेमंत सोरेन की इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई बिहार की राजधानी पटना से हुई है। उसके बाद उन्होंने रांची के बीआइटी मेसरा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था, लेकिन वह अपना कोर्स पूरा नहीं कर सके थे।
हेमंत सोरेन की पत्नी का नाम कल्पना सोरेन है और उनके दो बच्चे भी हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 में की है। वह 24 जून 2009 से 4 जनवरी 2010 तक राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने 2003 में छात्र मोर्चा की राजनीति शुरू की और फिर आगे ही बढ़ते चले गए। हेमंत 2009 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए। दिसंबर 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में संथाल परगना के दुमका सीट से जीत हासिल की और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया।
दस साल में 11 गुना संपत्ति बढ़ी
हेमंत सोरेन की संपत्ति पिछले 10 साल में 11 गुना बढ़ी है। उन्होंने दुमका विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करते समय शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति आठ करोड़ 11 लाख रुपये बताई थी, जबकि 2009 के विधानसभा चुनाव में उनके पास कुल संपत्ति 73 लाख 57 हजार रुपये थी।
2014 के मुकाबले भी अगर देखें तो उनकी संपत्ति में दोगुना इजाफा हुआ है। उस समय उन्होंने अपनी कुल संपत्ति तीन करोड़ 50 लाख रुपये बताई थी।