Uttarakhand News: हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) और लक्ष्मण मंदिर (Laxman Temple) के कपाट खुलने से श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है. पंच प्यारों के नेतृत्व में सुबह घांघरिया से शुरू हुई यात्रा 6 किमी पैदल दूरी तय कर हेमकुंड पहुंची. कपाट खुलने के साथ श्रद्धालुओं ने हेमकुंड सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर गुरुद्वारा में माथा टेका और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में पूजा-अर्चना की. श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट उत्सव में 1900 तीर्थ यात्री शामिल हुए. नौ बजकर 30 मिनट पर सचखंड से गुरु ग्रंथ साहिब को दरबार साहिब में स्थापित किया गया. कपाट खुलने के अवसर पर गुरुद्वारा और लक्ष्मण मंदिर को फूलों से सजाया गया.


ठंड पर श्रद्धालुओं की आस्था पड़ी भारी 


समारोह में पंजाब के मोगा से आए सतनाम सिंह और गढ़वाल स्काउट के बैंडों की धुनों ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया. हेमकुंड साहिब में लंगर- प्रसाद सुबह से ही बंट रहा है. ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने हेमकुंड सरोवर में आस्था की डुबकी भी लगाई. गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, सरदार सेवा सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे. हेमकुंड क्षेत्र में आठ फीट से अधिक बर्फ जमी होने के कारण फिलहाल बुजुर्गों और बच्चों को यात्रा की मनाही है.


पुलिस और एसडीआरएफ मदद में जुटी


अटलाकोटी से हेमकुंड तक बर्फ के बीच पुलिस और एसडीआरएफ की टीम श्रद्धालुओं की मदद कर रही है. लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी 10 बजे दर्शन को खोल दिए गए. पुजारी खुशाल सिंह चौहान की अगुवाई में तड़के घांघरिया से भ्यूंडार पुलना के ग्रामीणों ने कपाट खुलने की परंपरा का निर्वहन किया. 9.30 बजे पुजारी ने कपाट खोलने की प्रक्रिया के तहत पूजन शुरू किया. विधि विधान से लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खोले गए. मान्यता है कि भगवान लक्ष्मण ने जन्म पूर्व शेषनाग के रूप में यहां तपस्या की थी. 


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