Joshimath News: हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) और फूलों की घाटी में भारी बर्फबारी वन विभाग (Forest Department) के लिए भी चुनौती बनी हुई है. गश्त पर गई टीम को हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी से लौटना पड़ा. टीम फूलों की घाटी में वन्य जीवों की गतिविधि और वन तस्करी पर नजर रखने के लिए रवाना हुई थी. घांघरिया के आसपास भारी बर्फबारी (Snowfall) और रास्ते में बड़े-बड़े हिमखंड आने से टीम को वापस लौटना पड़ा जिसकी वजह से टीम फूलों की घाटी नहीं पहुंच पाई है.


टीम लंबी दूरी के गश्त पर जाने की तैयारी कर रही है. फूलों की घाटी में वन्य जीवों की गतिविधि और वन तस्करों पर नज़र रखने के लिए शीतकाल में 8 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही वन्य जीवों के आवास के पाच गुफा वाडियार को भी संरक्षित किया गया है. हर साल वन विभाग शीतकाल में वन्य जीवों और वन तस्करों पर निगरानी रखने के लिए नियमित गश्त और ट्रैप कैमरे से कड़ी निगरानी रखता है. घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूलों के साथ दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव, जंतु, पशु, पक्षी, और जड़ी-बूटी पाई जाती है. यह दुनियां का इकलौता ऐसी जगह है जहां 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं. 


साल में पांच महीने के लिए खुलती है फूलों की घाटी
यह दुनिया के लिए जैव विविधता का खजाना है. हर साल फूलों की घाटी हजारों देशी और विदेशों पर्यटक घाटी का दीदार करने आते हैं. हर साल फूलों की घाटी 1 जून को खुलती और 31 अक्टूबर को बंद होती है. पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ 21 हजार से अधिक पर्यटकों ने घाटी का दीदार किया. घाटी में फिलहाल 3-4 फीट तक बर्फ जमी है. इस घाटी को 2006 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया था.


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