UPPCS 2021 की परीक्षा में इस बार 7 लाख आवेदनों से टूटा रिकॉर्ड, जानें क्या हैं पांच कारण
यूपी पीसीएस-2021 की परीक्षा में इस बार आवेदनों की संख्या से सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. इस परीक्षा में इस बार सबसे ज्यादा करीब सात लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है.
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली पीसीएस-2021 की भर्ती परीक्षा के लिए इस बार तकरीबन 7 लाख आवेदन हुए हैं. आवेदनों की संख्या अपने आप में एक रिकॉर्ड है क्योंकि पीसीएस की परीक्षा में इससे पहले कभी 6 लाख से ज्यादा आवेदन नहीं हुए थे. ये संख्या इसलिए भी काफी ज़्यादा है, क्योंकि जिन 400 पदों पर भर्तियां होनी हैं, उनमे एसडीएम का एक भी पद नहीं है. इसके साथ ही इन पदों में 292 राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रिंसिपल की भर्ती के हैं जबकि प्रशासनिक पदों पर भर्ती के लिए सिर्फ 102 सीटें ही हैं.
साफ है कि रिकॉर्ड तोड़ आवेदनों से इस बार सभी सीटों पर 1750 अभ्यर्थियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा. पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा 13 जून को होनी है. ये परीक्षा 19 जिलों में आयोजित की जाएगी. हालांकि इस बार रिकॉर्ड संख्या में आवेदन होने से आयोग को परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ानी पड़ जाएगी.
इन जिलों में होगी प्रारंभिक परीक्षा प्रारम्भिक परीक्षा प्रयागराज, लखनऊ, आगरा, अयोध्या, आजमगढ़, बाराबंकी, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, वाराणसी, रायबरेली, मुरादाबाद और सीतापुर में होगी. मुख्य परीक्षा के लिए हर एक पद के मुकाबले 13 और इंटरव्यू के लिए तीन अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा. यानी अगर पदों की संख्या में बदलाव नहीं होता है तो मुख्य परीक्षा के लिए 5200 और इंटरव्यू के 1200 आवेदकों को चुना जाएगा.
इन पदों पर होगी भर्ती इस बार की पीसीएस परीक्षा से जिन 400 पदों के लिए भर्ती होनी है, उनमें सबसे ज्यादा 292 राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रिंसिपल के हैं. इसके अलावा डिप्टी एसपी के 16, बीडीओ यानी ब्लाक डेवलपमेंट ऑफिसर के 30, एआरटीओ के चार, औद्योगिक विकास में वित्त एवं लेखाधिकारी के छह पद हैं. इसके अलावा कम संख्या वाले तमाम अन्य पद भी हैं. इन 400 भर्तियों में इस बार एसडीएम का पद नहीं है. हालांकि मुख्य परीक्षा शुरू होने से पहले पदों की संख्या को नया अधियाचन मिलने पर बढ़ाया भी जा सकता है.
पिछले 10 सालों में यूपी पीसीएस की परीक्षा के लिए हुए आवेदन की संख्या साल 2012 की पीसीएस परीक्षा के लिए 2,59,164 आवेदन हुए थे. अगले साल 2013 में 3,88,466, साल 2014 में 4,43,079 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. वहीं, साल 2015 में भी 4.40 लाख आवेदन किये गए थे. इसी तरह साल 2016 में 4,36,413 और साल 2017 में 4,55,297 आवेदन हुए थे. साल 2018 की प्री परीक्षा में 5,35,844, साल 2019 में 5,44,664 और साल 2020 में 5,95,696 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.
अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने की पांच मुख्य वजह
1. बेरोजगारी के इस दौर में ज्यादातर युवा एक अदद सरकारी नौकरी की तलाश में रहते हैं. वह दूसरी भर्तियों में आवेदन करने के साथ ही पीसीएस की भर्ती का भी फॉर्म भरते हैं. 2. दूसरी सबसे बड़ी वजह उत्तर प्रदेश समेत हिंदी बेल्ट के ज्यादातर प्रतियोगियों का ग्रामीण परिवेश व मिडिल क्लास फैमिली से जुड़ा होना है. यह तबका बिजनेस या प्राइवेट नौकरी से पैसा कमाने के बजाय मान-सम्मान, पद और प्रतिष्ठा के लिए अफसर बनने की चाहत ज्यादा रखता है. अफसर बनकर समाज में खुद को भीड़ से अलग दिखाने की चाहत की वजह से भी लोग यूपी की इस सबसे बड़ी परीक्षा के लिए बड़ी संख्या में आवेदन करते हैं. 3. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा का सिलेबस और पैटर्न तकरीबन एक सा होना भी इसकी वजह है. यूपीएससी जैसा पैटर्न होने की वजह से दूसरे राज्यों के प्रतियोगी भी अब यूपी में पहले के मुकाबले ज्यादा आवेदन करने लगे हैं. 4. पिछले कुछ सालों में यूपी लोक सेवा आयोग ने अपनी भर्तियों के कैलेंडर में काफी सुधार किया है. भर्तियां अब समय से हो रही हैं, जबकि दूसरे राज्यों का कैलेंडर अक्सर पिछड़ा हुआ रहता है. इस वजह से भी यहां ज्यादा आवेदन होने लगे हैं. 5. सबसे बड़ी वजह महिला अभ्यर्थियों को 20 फीसदी आरक्षण दिया जाना है. इस आरक्षण का फायदा अकेले यूपी की ही नहीं बल्कि देश के किसी भी हिस्से से आवेदन करने वाली महिला अभ्यर्थियों को मिलता है.
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