प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किसानों की फसलों को चौपट कर रहे नीलगाय, बैल, गाय और दूसरे छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करने के लिए यूपी सरकार से अपनी नीति बताने को कहा है. कोर्ट का कहना था कि यह काफी गंभीर मामला है क्योंकि छुट्टा जानवर किसानों और राजमार्गों पर चलने वालों के लिए खतरा बन चुके हैं. कोर्ट ने सरकार को पांच जनवरी 2021 को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश‌ दिया है. अमृत लाल गुप्ता की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने सुनवाई की.


खतरा बन गए हैं जानवर
याची के अधिवक्ता गंगा प्रसाद गुप्ता का कहना था कि नीलगाय, बैल और गाय जैसे छुट्टा जानवर किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं. यह राजमार्गों पर भी चलने वाले लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं. किसानों के लिए फसल पैदा करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि यह जानवर उनकी खड़ी फसलों को नष्ट कर देते हैं. किसानों के लिए इनसे अपनी फसलें बचा पाना नामुमकिन हो गया है. यहां तक कि जानवर ग्रामीण इलाकों में लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं. सरकार को इस बात की जानकारी है, इसके बावजूद जानवरों को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.


पांच जनवरी को होगी अगली सुनवाई
प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने इस मामले पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए हाईकोर्ट से समय की मांग की जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने सरकार को छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करने की अपनी नीति बताने के लिए कहा है. याचिका पर अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी.



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