प्रयागराज: दंगों और विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए यूपी की योगी सरकार ने संपत्ति क्षति दावा अधिकरण का गठन किया है. जिसके लिए उन्होंने लखनऊ और मेरठ में इसकी पीठ बनाए जाने का एलान किया है.
प्रयागराज में हाई कोर्ट होने के बावजूद कोई पीठ गठित न होने से इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील बेहद नाराज़ हैं और उन्होंने इसे लेकर बगावती तेवर दिखाए हैं. हाईकोर्ट में वकीलों की सबसे बड़ी संस्था बार एसोसिएशन ने इसे प्रयागराज और हाई कोर्ट का अपमान बताया है और इसके खिलाफ आर पार की लड़ाई का एलान किया है.
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महामंत्री प्रभा शंकर मिश्र का कहना है परंपरा के मुताबिक़ किसी भी ट्रिब्यूनल का गठन उसी जगह होता है, जहां हाई कोर्ट होती है. ऐसे में संपत्ति क्षति दावा अभिकरण की प्रधान पीठ प्रयागराज में ही होनी चाहिए थी.
अगर योगी सरकार ने इसे लेकर अपना फैसला नहीं बदला तो आने वाले दिनों में इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जताने को मजबूर होंगे. अगर ज़रुरत पड़ी तो वकील उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने इसके खिलाफ कार्य बहिष्कार का एलान करते हुए काम काज ठप्प किये जाने की भी बात कही है.
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