प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए ठोस कदम न उठाने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने सूबे के मुख्य सचिव द्वारा दाखिल हलफनामे में कोविड-19 की केंद्रीय गाइडलाइन एक व दो के पालन के लिए उठाए गए किसी भी कदम की जानकारी न देने पर मुख्य सचिव को एक दिन का समय देते हुए पूछा है कि सोशल डिस्टेन्सिंग और मास्क पहनने के नियम का पालन कैसे कराएंगे.


जनहित याचिका पर सुनवाई


यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरेन्टीन सेंटरों की दुर्दशा व अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधाओं की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि लोग सोशल डिस्टेन्सिंग व मास्क पहनने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी ताकि उनपर असर पड़े और वे गाइडलाइन का पालन करने लगें.


कोर्ट ने प्रयागराज शहर के वार्डों में गाइडलाइन का पालन कराने में पार्षदों की सहायता के लिए जिलाधिकारी के आदेश को संतोषजनक नहीं माना और इस संबंध में पार्षदों को जारी आदेश तलब किया है. सुनवाई के दौरान आवारा कुत्तों को शहर से बाहर करने के आदेश की वापसी की मांग में अर्जी पेश की गई. कहा गया कि प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस पर कोर्ट ने कुत्तों को शहर से बाहर करने के गत 28 अगस्त के आदेश को स्थगित कर दिया. कोर्ट ने इस अर्जी पर नगर निगम से 10 दिन में जवाब भी मांगा है.


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