प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले नहीं थम रहे हैं. हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोविड के बढ़ रहे मामलों को देखते हुये अहम निर्देश दिये. कोर्ट ने नगर आयुक्त को हर दो वार्ड पर एक क्लीनिक स्थापित करने का निर्देश दिया. इसके अलावा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को क्लीनिक खुलने पर डाक्टर व स्टाफ को तैनात करने का आदेश भी दिया.


तैनात होंगे एडवोकेट कमिश्नर


अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को आश्वासन दिया. यही नहीं, वार्डवार सोशल डिस्टेन्सिंग व मास्क पहनने की निगरानी के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी.


हाईकोर्ट ने पान गुटका थूकने पर रोल लगाई है. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि पेन्डेमिक रूल्स व गाइडलाइन पूरी तरह से लागू करें.


प्रयागराज नगर आयुक्त को निर्देश


कोर्ट ने नगर आयुक्त प्रयागराज को निर्देश दिया. कोर्ट ने सडक व पटरी पर मौजूद निर्माण ध्वस्तीकरण के सभी कानून पेश करने का आदेश देते हुये पूछा कि सडक किनारे धार्मिक सहित अन्य निर्माण कैसे बने हुए हैं?
अतिक्रमण पर होगी अगली सुनवाई


एडवोकेट कमिश्नर चंदन शर्मा व शुभम द्विवेदी ने शहर से अतिक्रमण हटाने से संबंधित रिपोर्ट अदालत में पेश की. हाईकोर्ट अगली सुनवाई पर इस पर विचार करेगी.


कोर्ट ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर विमल कान्त को निर्देश दिया. शहर में फॉगिंग, सेनिटाइजेशन,सडकों की मरम्मत व नालों की सफाई की निगरानी करने का आदेश भी दिया.


आपको बता दें कि हाईकोर्ट में क्वारंटीन सेंटरों की बदहाली व कोविड अस्पतालों में बेहतर सुविधाओं को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद ये दिशा-निर्देश जारी किये. अब 14 सितंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.


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