आगरा: कैंसर मरीज को वाहन पास नहीं दिए जाने पर हाईकोर्ट गंभीर, यूपी सरकार से मांगा जवाब
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन में आम लोगों की मुसीबत बढ़ गई है. अब एक ऐसे ही कैंसर के मरीज से इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। निजी वाहन का पास जारी नहीं किये जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब तलब कर लिया है. हाईकोर्ट ने आगरा के एसएसपी से भी जवाब मांगते हुए पूछा है कि गंभीर रूप से बीमार मरीज को निजी वाहन से डाक्टर तक जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई. अगर गंभीर बीमार मरीज निजी वाहन से सिर्फ डॉक्टर के यहां तक जाता है तो इससे किस तरह की परेशानी पैदा होने का डर है. अदालत ने यूपी सरकार और आगरा के एसएसपी से दो दिनों में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. कोर्ट इस मामले में 13 मई को फिर से सुनवाई करेगी.
जस्टिस भारती सप्रू और जस्टिस रोहित रंजन की डिवीजन बेंच ने यह आदेश आगरा के सुरेंद्र सिंह जैन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है. अर्जी में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को मुंह का कैंसर है. बीमारी थर्ड स्टेज तक पहुंच गई है. कोरोना की वजह से एम्बुलेंसे कोविड के मरीजों व संक्रमितों की ही सेवा में लगी हुई हैं. ऐसे में वह डॉक्टर के पास जाकर अपना चेकअप और आगे के इलाज के लिए परामर्श लेना चाहता है.
सुरेंद्र जैन ने निजी वाहन से डॉक्टर के पास तक जाने के लिए वाहन पास जारी किये जाने की मांग की, लेकिन उसे पुलिस की तरफ से पास नहीं दिया जा रहा है. आगरा में कोई सुनवाई नहीं होने के बाद उसने मजबूरी में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अदालत ने यूपी सरकार से पूछा है कि गंभीर बीमारों को अस्पताल तक जाने के लिए क्या इंतजाम किये गए हैं.