Gyanvapi Case: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का भी सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. हाईकोर्ट ने इस मामले में पोषणीयता के बिंदु पर सुनवाई करने के बाद ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी से जवाब तलब कर लिया है. 


अदालत ने मस्जिद कमेटी को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते की मोहलत दी है. इसके अलावा याचिकाकर्ता राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी को मस्जिद कमेटी के जवाब पर अपनी आपत्ति दाखिल करने के लिए अलग से एक हफ्ते का वक्त दिया है. हाईकोर्ट इस मामले में अब 14 अगस्त को सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई.


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शुरू होगा ट्रायल
मंगलवार को हुई सुनवाई में मुख्य रूप से हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें पेश की गई. हिंदू पक्ष की तरफ से कहा गया कि ज्ञानवापी परिसर में जो वजूखाना स्थित है, उसका भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से कराया जाना बेहद जरूरी है. दलील दी गई कि श्रृंगार गौरी केस का वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में जब ट्रायल शुरू होगा, वजू खाने के सर्वे की रिपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगी. 


विवादित परिसर की मूल रूप से धार्मिक स्थिति क्या है, यह भी वजूखाने के सर्वे से काफी हद तक साफ हो जाएगा. हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने वजू खाने को सील करने का आदेश नहीं दिया है, बल्कि यह वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर सील हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ वजूखाने से मिले कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का ही आदेश दिया था. हिंदू पक्ष की तरफ से यह भी दलील दी गई थी एएसआई के वैज्ञानिक सर्वेक्षण में ना तो कोई तोड़फोड़ की जाएगी और ना ही वजूखाने अथवा वहां से मिले कथित शिवलिंग को कोई नुकसान हो पाएगा. 


एजेंसी ने जिस तरह से परिसर के बाकी हिस्से का सर्वेक्षण किया है, उसी तरह से वजूखाने का भी सर्वे कराया जाना चाहिए. हिंदू पक्ष की तरफ से याचिकाकर्ता राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने दलीलें पेश की. इस मामले में अब ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी को अपना जवाब दाखिल करना है. ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की तरफ से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अब्बास नकवी कोर्ट में जवाब दाखिल करेंगे.