प्रयागराज. हाथरस में दंगा फैलाने की साजिश रचने और राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद पीएफआई के तीन सदस्यों की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र व प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. इन तीनों आरोपियों को बीते साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाते समय मथुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.


पुलिस ने इन्हें गिरफ्तारी से पहले कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया था. इन पर आरोप है कि ये लोग हाथरस कानून व्यवस्था खराब करने तथा जातीय दंगा भड़काने के उद्देश्य से वहां जा रहे थे. जस्टिस एस पी केसरवानी तथा जस्टिस शमीम अहमद की खंडपीठ ने मुजफ्फरनगर के अतीकुर्रहमान, बहराइच के मसूद व रामपुर के आलम की तरफ से दायर याचिका पर दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.


मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती
याचिका में मजिस्ट्रेट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्हें जुडिशियल रिमांड पर भेज दिया गया है. इन्होंने जेल से अपनी रिहाई की मांग की है. इन पर आरोप है कि इनका पीएफआई छात्र विंग सीएफआई (कैम्पस फ्रंट आफ इंडिया) से लिंक है.


एसटीएफ ने अपनी कस्टडी में लिया था
हाथरस में दंगा फैलाने की साजिश रचने और राजद्रोह के आरोप में पीएफआई के 4 सदस्यों अतीकुर्रहमान, मोहम्मद आलम, कप्पन सिद्दीकी और मसूद अहमद को मथुरा जेल से एसटीएफ ने अपनी कस्टडी में लिया था.


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