![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
हाईकोर्ट ने तलब किए बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के रिकार्ड, सीबीआई से चार हफ्ते में जवाब भी मांगा
बीएसपी विधायक राजू पाल की साल 2005 में प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी.
![हाईकोर्ट ने तलब किए बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के रिकार्ड, सीबीआई से चार हफ्ते में जवाब भी मांगा High Court summoned the records of BSP MLA Raju Pal murder case also asked CBI to reply in four weeks ANN हाईकोर्ट ने तलब किए बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के रिकार्ड, सीबीआई से चार हफ्ते में जवाब भी मांगा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/09/537012bf74793339ffaaba9f12fa0c5c1712683779233898_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Raju Pal Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस में दोषी करार दिए गए इसरार अहमद की उम्रकैद की सजा के खिलाफ दाखिल आपराधिक अपील को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसी सीबीआई से चार हफ्ते में जवाब भी मांगा है. इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को भी तलब कर लिया है.
अभियुक्त इसरार की अपील में सीबीआई की विशेष अदालत लखनऊ द्वारा इसी साल 4 अप्रैल को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को रद्द किए जाने की मांग की गई है. इसके साथ ही अदालत का फैसला आने तक सजा को निलंबित किए जाने और जमानत पर रिहा करने की भी मांग की गई है. इसरार की अपील में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट का फैसला सही नहीं है. उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. बिना सबूत के ही उसे दोषी करार देकर उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
अतीक पर भी था आरोप
बीएसपी विधायक राजू पाल की साल 2005 में प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था. पुलिस चार्जशीट के बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया था. सीबीआई ने लखनऊ में एफआईआर दर्ज कर विवेचना की थी.
सीबीआई की विशेष अदालत ने इसी साल अप्रैल महीने में सात आरोपियों को दोषी करार देकर सजा सुनाई थी. हालांकि सीबीआई कोर्ट का फैसला आने से तकरीबन एक साल पहले ही मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मौत के घाट उतार दिया गया था, इसलिए इन दोनों भाइयों का केस बंद कर दिया गया था. मामले की सुनवाई जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की डिवीजन बेंच में हुई. हाईकोर्ट ने अपील दाखिल करने में हुई सोलह दिन की देरी को भी माफ कर दिया.
लोकसभा में संविधान से 'सीमेंट' तक क्यों आ गए अखिलेश? इशारों में बहुत कुछ कह गए सपा नेता
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनमोल कौंडिल्य](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/091a9b77e935a1f8852eacae0b470d46.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)