UP Covid Guidelines: उत्तर प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 66 हजार 33 सैम्पल की जांच में कुल 992 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई. इसी अवधि में 77 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए. आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 3173 है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-09 के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में निर्देश देते हुए कहा है कि कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है. घबराने और परेशान होने की नहीं, सतर्कता और सावधानी की जरूरत है. लोगों को मास्क पहनने, टीकाकवर लेने और सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए प्रेरित किया जाए. बचाव का यह सर्वोत्तम प्राथमिक उपाय है. 



सीएम योगी आदित्यनाथ ने उच्च अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार हर एक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है. कोविड की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाहकार पैनल से परामर्श के आधार पर व्यापक जनहित में सभी जरूरी कदम उठाए जाएं. लोगों में अनावश्यक पैनिक न हों, उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट पूर्व के वैरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है. वैक्सीन कवर ले चुके स्वस्थ-सामान्य व्यक्ति के लिए यह बड़ा खतरा नहीं है.


10वीं क्लास तक के सभी स्कूल मकर संक्रांति तक बंद

सीएम ने कहा, "क्लास 10वीं तक के सभी शासकीय और निजी विद्यालयों में मकर संक्रांति तक अवकाश घोषित किया जाए. इस अवधि में उनका टीकाकरण जारी रहेगा. वर्तमान में प्रदेश के किसी जनपद में एक्टिव कोविड केस की संख्या 1000 से अधिक नहीं है. लेकिन व्यापक जनहित को दृष्टिगत रखते हुए जिन जनपदों में एक्टिव केस की न्यूनतम संख्या 1000 से अधिक हो जाए, वहां जिम, स्पा, सिनेमाहॉल, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट आदि सार्वजनिक स्थलों को 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित किया जाए. शादी समारोह और अन्य आयोजनों में बंद स्थानों में एक समय में 100 से अधिक लोगों की सहभागिता न हो. खुले स्थान पर ग्राउंड की कुल क्षमता के 50 फीसदी से अधिक लोगों के उपस्थिति की अनुमति न दी जाए. मास्क-सैनीटाइज़र की अनिवार्यता रहे. रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू रात 10 से प्रातः 06 बजे तक लागू की जाए. यह व्यवस्था 06 जनवरी, गुरुवार से प्रभावी कर दी जाए.


सीएम ने दिए ये जरुरी निर्देश



  • प्रदेश के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निजी, ट्रस्ट आदि संस्थाओं, कंपनियों, ऐतिहासिक स्मारक, कार्यालयों, धार्मिक स्थलों, होटल-रेस्त्रां, औद्योगिक इकाइयों में तत्काल प्रभाव से कोविड हेल्प डेस्क क्रियाशील करा दिया जाए. जरूरत के अनुसार डे केयर सेंटर भी स्थापित हों. बिना स्क्रीनिंग/सैनिटाइजेशन के किसी को परिसर में प्रवेश न दें.

  • कोविड वैरिएंट की पहचान के लिए कराई गई जीनोम सिक्वेसिंग में 23 लोगों में ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि हुई है. इन सभी के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग और टेस्टिंग कराई जाए. सभी के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए.

  • 20 करोड़ 50 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण और 09 करोड़ 36 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण देश में प्रथम स्थान पर है. यहां 07 करोड़ 53 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है. 12 करोड़ 97 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है. इस प्रकार टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी में लगभग 88 फीसदी को पहली और 51 फीसदी को दोनों डोज मिल चुकी है. 03 जनवरी से प्रारंभ हुए 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के कोविड टीकाकरण में अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है. वैक्सीनेशन को और तेज करने की जरूरत है. इस संबंध में सभी जरूरी प्रयास किए जाएं.

  • निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए. गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें. घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए. उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए. जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए. कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए.

  • टेस्टिंग के महत्व को देखते हुए हर दिन न्यूनतम तीन से चार लाख टेस्ट किए जाएं. निजी प्रयोगशालाओं को कोविड टेस्टिंग के लिए अधिकृत करने से पूर्व उनके पिछले रिकॉर्ड देखे जाएं. क्वालिटी टेस्टिंग अनिवार्य है. हर जिले के नोडल अधिकारी अपने संबंधित जिलों से संवाद करें. हर स्थिति पर सीधी नजर रखी जाए.

  • प्रदेश के सभी जनपदों में स्थापित किए गए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए. पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं. आइसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे. लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए. आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकते हैं. एम्बुलेंस 24×7 एक्टिव मोड में रहें. पब्लिक एड्रेस सिस्टम का बेहतर उपयोग किया जाए. सीएम हेल्पलाइन से लोगों से संवाद किया जाए.

  • आस्था के अप्रतिम प्रतीक 'प्रयागराज माघ मेला' में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 48 घंटे पूर्व की कोविड आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू की जाए. कल्पवासियों सहित सभी श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए.


क्या है टीम-9?


बता दें कि कोरोना की पहली लहर के दौरान 11 अधिकारियों की टीम बनाई गई थी, जो कोरोना स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाएं देखती थी. इसके बाद अप्रैल 2021 में इस टीम को 9 सदस्यों का कर दिया गया था.


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