वाराणसी: काशी यानी वो शहर जिसे संत कबीर के शहर के नाम से जाना जाता है. काशी आने वाले हर किसी व्यक्ति के कानों में कबीर के दोहे बरबस ही गूंजने लगते हैं. निर्गुण धारा के संत कबीर के माता पिता की समाधि कबीर मठ में है और इसी के पास एक कुटिया का निर्माण 2010 और 2011 में शुरू हुआ. पहले इस कुटिया के निर्माण को लेकर कई तरह के डिजाइन आये और बाद में भव्य कुटिया तैयार हुई है, जो पूरी तरह सेंसर पर आधारित होगी. कबीर की चाह में काशी आने वालों को कबीर की मौजूदगी का एहसास कराएगी.


बचपन गुजरा था संत कबीर का


आपको बता दें कि, संत कबीर का यहां मठ है जो पहले ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है, अब ये हाईटेक कुटिया कबीर की मौजूदगी का एहसास दिलाएगी. कहा जाता है कि कबीर ने अपनी माता और पिता के साथ इसी जगह पर अपना बचपन गुजारा था. आज इस कुटिया में हथकरघा चरखा और कबीर से जुड़े सारे सामान रखे जाएंगे, जो यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करेंगे. यहां प्रवेश के साथ कबीर वाणी बजेगी और दोहे सुनाएगी.


खुश हैं कबीर पंथी


हाईटेक कुटिया बनकर तैयार है और कबीरपंथी बस इस कुटिया के गुण गाते नहीं थक रहे. संत की मौजूदगी को दर्शाती ये कुटिया निश्चित तौर पर सबके आकर्षण का केंद्र बनने वाली है.


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