ग्रेटर नोएडा, एबीपी गंगा। ग्रेटर नोएडा का जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रास्ता पहले ही साफ हो चुका है और अब इसके चारों तरफ आधुनिक शहर के विकास का भी ब्लूप्रिंट तैयार किया जा चुका है। ये क्षेत्र विकासशील शहर का पूरक होगा। यानी विदेशों की तर्ज पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 'यीडा इंटिग्रेटेड सिटी' के नाम से नया शहर बसाया जाएगा। इसे लेकर सोमवार को यमुना अथॉरिटी के सभागार में 'अर्नेस्ट एंड यंग' एजेंसी ने प्रेजेंटेशन दिया।


इसके तरह एयरपोर्ट के पास रेजिडेंशल टाउनशिप से लेकर लॉजिस्टिक और इंस्टिट्यूशनल एरिया का विकास किया जाएगा। अगली बोर्ड मीटिंग में अथॉरिटी नए शहर का प्रस्ताव पेश करेगी। बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए शासन के पास भेजा जाएगा।


यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि करीब तीन महीने पहले अर्नेस्ट एंड यंग को एयरपोर्ट के आसपास टाउनशिप डिवेलप करने का ब्लूप्रिंट तैयार करने का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था। जिसके बाद से एजेंसी अध्ययन कर रही थी। जानकारी के मुताबिक, भारत के बेंगलुरू शहर के अलावा हांगकांग व साउथ कोरिया, सिंगापुर, टर्की के इस्तांबुल, दोहा, रियो और चीन के संघाई आदि देशों के एयरपोर्ट के पास की टाउनशिप का अध्ययन करने के बाद ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है।


बताया जा रहा है कि 'यीडा इंटिग्रेटेड सिटी' नाम से बसाये जा रहे इस नए शहर में विदेशों की तर्ज पर रेजिडेंशल टाउनशिप,मेडिकल टूरिज्म, कन्वेंशनल सेंटर, लॉजेस्टिक हब, रिक्रेशनल सेंटर, मंडी, बायोसिटी पार्क, एग्जिबिशन और इंस्टिट्यूशनल एरिया आदि का विकास किया जाएगा। ये शहर एयरपोर्ट के आसपास करीब करीब डेढ़ हजार से दो हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित किया जाएगा। जिसका ब्लूप्रिंट अर्नेस्ट एंड यंग एजेंसी तैयार कर रही है।


शहर को तीन जोन में बांटा जाएगा


इस एयरपोर्ट सिटी को तीन जोन में बांटा जाएगा। पहले जोन में एयरपोर्ट के तीन किलोमीटर का दायरा शामिल होगा, जिसमें यात्री व कार्गो से संबंधित गतिविधियों का ढांचा तैयार होगा। लॉजेस्टिक हब भी पहले जोन में डेवलेप होगा। दूसरा जोन एयरपोर्ट के सात किलोमीटर के दायरे में फैला होगा। जहां पर राजस्व बढ़ाने से जुड़ी गतिविधियां होंगी। इसी जोन में कन्वेंशनल सेंटर, रिक्रेशनल सेंटर, बायोसिटी पार्क, मेडिकल टूरिज्म और एग्जिबिशन एरिया जैसी सुविधाएं को डेवलप किया जाएगा। तीसरा और आखिरी जोन 12 किलोमीटर के दायरे में फैला होगा। यहां पर रेजिडेंशल एरिया को डेलवप किया जाएगा। तीसरे जोन में नए और पुराने शहर को जोड़ा जाएगा, ऐसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, ताकि शह आधुनिक बन सकें।


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