लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर तलवार लटकती नजर आ रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. आंसर की पर उठे विवाद के बाद कोर्ट ने रोक लगाने का आदेश दिया है. जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने यह आदेश दिया. आपको बता दें कि एक तरफ आज से शिक्षकों की भर्ती की काउंसिलिंग शुरू होनी थी, लेकिन अब कोर्ट के इस आदेश के बाद शिक्षकों की भर्ती लटकती नजर आ रही है. कोर्ट सूत्रों के मुताबिक कुछ ही देर में ऑर्डर अपलोड कर दिया जाएगा.


एक्सपर्ट कमेटी से ली जाए ओपिनियन


हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को अभ्यर्थी एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करें। सरकार आपत्तियों को निस्तारण के लिए यूजीसी को भेजे। मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 जुलाई रखी गई है। इसके अलावा हाई कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर सारे विवादित प्रश्नों पर एक्सपर्ट ओपिनियन लिया जाएगा। एक्सपर्ट का ओपिनियन आने के बाद अब आगे फैसला होगा।


गौरतलब है कि इस मामले में याचिका कर्ताओं ने 8 मई 2020 को जारी आंसर की में 4 उत्तरों को लेकर आपत्ति जताई है. याचियों का कहना है कि आपत्ति के संबंध में सक्षम अधिकारियों द्वारा कोई एक्शन न करने पर उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की है.


आज से शुरू होनी थी काउंसिलिंग


आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में डेढ़ साल से इंतजार कर रहे उन अभ्यर्थियों का सपना पूरा होने जा रहा था, जब उन्हें अध्यापक पद पर नौकरी मिल जाएगी. योगी सरकार की दूसरी बड़ी सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा अब अंतिम चरण में है. 69 हज़ार पदों की जिस भर्ती का पूरा होने का इंतजार अभ्यर्थी थे लंबे समय से कर रहे थे, उसकी काउंसलिंग आज सुबह 10 बजे से शुरू होनी थी. 6 जून तक प्रदेश के स्कूलों को 67,867 नए शिक्षक मिलने थे. भर्ती परीक्षा का आयोजन 6 जनवरी 2019 को हुआ था.