Dehradun News: उत्तराखंड सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जारी की गई विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064 पर आई शिकायतों ने चौकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं. अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की शिकायतें पुलिस विभाग के खिलाफ आई हैं. इसके बाद राजस्व विभाग और ग्राम विकास विभाग क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
विजिलेंस हेल्पलाइन को 2022 में शुरू किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य जनता को एक आसान मंच उपलब्ध कराना था, जहां वे भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकें. इस हेल्पलाइन के जरिए लोगों ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की जानकारी दी.
पुलिस विभाग के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें
विजिलेंस के आंकड़ों के मुताबिक, हेल्पलाइन पर अप्रैल 2022 से अब तक कुल 7800 शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें से 4063 शिकायतें जांच के दायरे में लाई गई हैं. पुलिस विभाग के खिलाफ सबसे अधिक 909 शिकायतें दर्ज की गई हैं. इसके बाद राजस्व विभाग की 791 और ग्राम विकास विभाग की 516 शिकायतें सामने आई हैं. पेयजल विभाग की 310 शिकायतें, लोक निर्माण विभाग की 244 शिकायतें, शहरी विकास विभागत की 179 शिकायतें, समाज कल्याण विभाग की 141 शिकायतें, जिला प्रशासन की 140 शिकायतें, विद्युत विभाग की 109 शिकायतें, दरगाह वक्फ बोर्ड की 103 शिकायतें, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 68 शिकायतें दर्ज की गई.
इसके अलावा पंचायत राज, परिवहन, एमडीए, शिक्षा, खाद्य आपूर्ति और उद्यान विभागों में भी भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं. शिकायतें दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई की रफ्तार अपेक्षा के अनुसार नहीं है. हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों पर 4063 मामले जांच में शामिल किए गए हैं, लेकिन अभी भी कई मामलों में ठोस कार्रवाई का इंतजार है. समाजसेवी संगठनों ने राज्य सरकार से इन शिकायतों की त्वरित जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
'थानों में लोगों को भ्रष्टाचार का करना पड़ता है सामना'
विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतें बढ़ने का मुख्य कारण विभाग से आम जनता का प्रत्यक्ष जुड़ाव है. थानों में शिकायत दर्ज कराने से लेकर जांच प्रक्रिया के दौरान कई बार आम लोगों को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है. इसी कारण यह विभाग सबसे ज्यादा विवादों में है. विजिलेंस निदेशक बी. मुकुंदन ने कहा कि हेल्पलाइन पर दर्ज की गई शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है. पुलिस विभाग के खिलाफ आई शिकायतों की गहन पड़ताल की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा, "शिकायतों पर कार्रवाई जारी है. कुछ मामले शासन स्तर पर लंबित हैं, लेकिन किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार की समस्या पर अब जनता की उम्मीदें इस हेल्पलाइन पर टिकी हुई हैं. आम लोगों का मानना है कि यह कदम सराहनीय है, लेकिन शिकायतों का निपटारा जल्द से जल्द होना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की मंशा साफ दिखाई दे. भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई केवल हेल्पलाइन तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. जनता की भागीदारी और जागरूकता के साथ-साथ प्रशासन की ओर से तेजी से कार्रवाई की जरूरत है. पुलिस विभाग समेत अन्य विभागों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए पारदर्शिता और सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाए जाने की मांग बढ़ रही है.
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