लखनऊ, संतोष कुमार। कई बार शिकार को फंसाने के लिए चारा डाला जाता है। लखनऊ क्राइम ब्रांच ने भी एक महीने पहले कैब ड्राइवर की अपहरण और हत्या में यही रणनीति अपनाई। टैक्सी बुकिंग के नाम पर कार चालक को सुनसान इलाके में ले जाकर मार देना और फिर लूटी कार को बेच देने वाले गैंग को लखनऊ पुलिस ने दबोचा, तो पता चला गैंग अगले 48 घंटे में दो ऐसी ही और वारदातों को अंजाम देने वाला था।
एक महीने पहले लखनऊ से लापता हुए ओला ड्राइवर की सीतापुर में हत्या और टैक्सी लूट की वारदात को एक शातिर लुटेरों के गैंग ने अंजाम दिया था। लखनऊ क्राइम ब्रांच ने इस वारदात में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बीती 17 जुलाई को लखनऊ के गोसाईगंज थाना क्षेत्र से गैंग ने ओला कैब ड्राइवर मुकेश पाल को सीतापुर के लिए बुक किया। मनमाने किराए पर मुकेश जैसे ही लखनऊ सीतापुर हाईवे के सुनसान इलाके पर पहुंची, बदमाशों ने मुकेश का रुमाल से गला घोट दिया और लाश सीतापुर के संदना इलाके में फेंककर गाड़ी लेकर फरार हो गए।
महीने भर से ज्यादा का वक्त गुजर चुका था। परिजन अफसरों के दरवाजे खटखटा रहे थे इसी बीच लखनऊ क्राइम ब्रांच ने टैक्सी बुकिंग कर लूट करने वाले गैंग को निशाने पर लिया। कई बार खुद टैक्सी बुकिंग होने वाले अड्डे पर पहुंचे। सर्विलांस और मुखबिर के जरिए क्राइम ब्रांच ने कुछ सुराग हासिल किये और बुधवार को क्राइम ब्रांच ने इस वारदात को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार हुए पांच आरोपियों में फर्जी कागजात से लूटी गाड़ी को बेचने वाला और गैंग का मास्टरमाइंड एजाज अहमद, हत्या करने वाले जीजा साले.. गोपाल रावत और राजेश रावत के साथ इनका दोस्त गया प्रसाद उर्फ रवि और लूटी हुई कार को सस्ते में खरीदने वाला व्यापारी इरफान भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की माने तो गैंग का असल मास्टरमाइंड एजाज अहमद ही है जो गोपाल राजेश और गया प्रसाद की मदद से खुद टैक्सी ड्राइवरों को बुकिंग के नाम पर फंसाता था और फिर कार को लूट लिया जाता। कार को बेचने के लिए भी इनका हाईटेक तरीका था। लूटी हुई कार को सस्ते में बेचने के लिए यह किसी कार बाजार या शोरूम का नहीं बल्कि ओएलएक्स जैसी ऑनलाइन साइट का इस्तेमाल करते थे। ओएलएक्स पर कम कीमत पर अच्छी गाड़ी मिलने के लालच में अक्सर लोग इनके जाल में फंस जाते हैं और फर्जी कागजात तैयार कर यह लूटी हुई कार को बेच लेते थे।
फिलहाल लखनऊ पुलिस ने इस गैंग को गिरफ्तार कर कैब ड्राइवर मुकेश पाल की स्विफ्ट डिजायर कार भी बरामद कर ली है। पुलिस की माने तो 1 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी पुलिस की सक्रियता कम समझकर यह फिर ऐसी ही वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे लेकिन पीछे लगी क्राइम ब्रांच ने इनको वारदात करने से पहले ही दबोच लिया।