Hijab Controversy News: कर्नाटक (Karanataka) के उडुपी में एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. उत्तराखंड (Uttrakahand Election) और यूपी (UP Election 2022) के चुनावों में भी नेता इसका जिक्र कर रहे हैं. इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने उत्तराखंड में हिजाब विवाद पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को कैसे पता चलेगा कि कोई छात्र समझ रहा है या नहीं, अगर उन्होंने हिजाब पहन रखा है? मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की जरूरत है, हिजाब की नहीं.


उन्होंने कहा कि एक स्टूडेंट हिजाब पहनकर बैठेगा, दूसरा स्टूडेंट दूसरा ड्रेस पहन कर बैठेगा.ज्ञान मंदिर में धर्म का मसला हो गया है. तीन साल पहले ऐसा कुछ नहीं था. अभी तुरंत वो मामला आ गया. 


यह देश को तोड़ने की साजि- हिमंत
राहुल गांधी के बयान और मौजूदा हिजाब विवाद को जोड़ते हुए असम के सीएम ने कहा- "भारत राज्यों का संघ है (संसद में राहुल गांधी का बयान)... हिजाब के मामले में कर्नाटक और सुप्रीम कोर्ट में केस होता है और दोनों ही जगह कांग्रेस के वकील हैं... तो यह देश को तोड़ने की साजिश है."


उन्होंने कहा कि अभी मुसलमान समाज को हिजाब नहीं शिक्षा की जरूरत नहीं है. मुस्लिम बेटियों को डॉक्टर, इंजीनियर बनने की जरूरत है. उनके लिए हिजाब की जरूरत नहीं है. 


हिजाब को मुद्दा कांग्रेस ने बनाया- हिमंत 
असम के सीएम ने कहा कि मैं दो इस्लाम मानता हूं एक धार्मिक इस्लाम और दूसरा राजनीतिक इस्लाम . धार्मिक इस्लाम कुरान के हिसाब से चलता है जहां ज्ञान ही सबसे मुद्दा होता है. लेकिन राजनीतिक इस्लाम कांग्रेस प्रेरित है.


उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों में हमारे बच्चे गणित, साइंस पढ़ने जाते हैं. हिजाब मुद्दा ही नहीं है. यह मुद्दा कांग्रेस ने बनाया है.


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