यूपी के इस जिले की रहने वाली हैं रातों-रात छुट्टी पर जाने वाली IPS इल्मा अफरोज, ठुकराया था विदेशी नौकरी का ऑफर
Ilma Afroz IPS: हिमाचल कैडर की IPS ऑफिसर इल्मा अफरोज लंबी छुट्टी पर मुरादाबाद लौटी हैं. वह वर्तमान में बद्दी जिले के एसपी के पद पर तैनात हैं. हालिया दिनों में वह कई वजहों से सुर्खियों में रही हैं.
Uttar Pradesh News Today: हिमाचल प्रदेश की बद्दी एसपी इल्मा अफरोज इन दिनों सुर्खियों में हैं. इसकी वजह है दून से कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी से टकराव के बाद इल्मा अफरोज लंबी छुट्टी पर मुरादाबाद लौट आई हैं. इल्मा अफरोज 2017 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की रहने वाली इल्मा अफरोज ने देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं तक पहुंचने के लिए कड़ा संघर्ष किया. महज 14 साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई. इसके बाद बाद इल्मा की जिम्मेदारी उनकी मां ने उठाई. मां-बेटी की जोड़ी की केमिस्ट्री अक्सर सोशल मीडिया पोस्ट पर दिख जाती है.
राजनेता से लिया पंगा?
दरअसल, आपीएस इल्मा अफरोज ने अवैध खनन के आरोप में विधायक राम कुमार चौधरी के पत्नी का चालान काट दिया था. इसके बाद उन्होंने बद्दी में स्क्रैप कॉरोबारी राम किशन पर फायरिंग की घटना हुई थी, जांच के बाद पता चला कि राम किशन ने ऑल इंडिया गन लाइसेंस के लिए खुद ही गोलियां चलवाई थीं.
स्क्रैप कारोबारी राम किशन की कई नेताओं से भी कुर्बत है. इस बात से कांग्रेस विधायक रामकुमार इतने नाराज हो गए कि उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान एसपी इल्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए. इन मामलों के बाद बुधवार (13 नवंबर) को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में डीसी-एसपी की मीटिंग हुई, जिसमें शामिल होने के लिए इल्मा अफरोज शिमला पहुंची थी.
इस मीटिंग के दौरान बद्दी एसपी इल्मा अफरोज की मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अधिकारियों से हुई. मीटिंग से लौटते ही इल्मा अफरोज सरकारी आवास खाली कर अपनी मां के साथ लंबी छुट्टी पर मुरादाबाद रवाना हो गई. इसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं. उनकी जगह पर वर्तमान में अस्थायी तौर पर विनोद कुमार को बद्दी एसपी का चार्ज दिया गया है.
समुदाय विशेष को फायदा पहुंचाने का आरोप
इसके अलावा इल्मा अफरोज पर समुदाय विशेष को थोक में गन लाइंसेंस जारी करने के आरोप लगाए गए. हालांकि जांच में यह आरोप निराधार पाए गए. एक आरटीआई से खुलासा हुआ कि इल्मा ने अपने 9 महीने के कार्यकाल के दौरान समुदाय विशेष के सिर्फ दो गन लाइसेंस का वेरिफिकेशन किया जबकि 48 बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के वेरिफिकेशन किए.
कौन हैं इल्मा अफरोज?
इन घटनाओं के बाद इल्मा अफरोज के बारे में जानने को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुंदरकी कस्बे से ताल्लुक रखने वाली इल्मा अफरोज की कहानी संघर्ष और सफलता का अद्भुत उदाहरण है. इल्मा ने विपरीत परिस्थितियों में अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसा मुकाम हासिल किया है, जो युवाओं के लिए मिसाल है.
मुश्किलों से लड़कर हासिल की सफलता
इल्मा अफरोज ने महज 14 साल की उम्र में अपने पिता को कैंसर की वजह से खो दिया था. उनके पिता पेशे से किसान थे. इसके बाद उनकी मां ने उन्हें और उनके 12 वर्षीय भाई को मुश्किल परिस्थियों में पालन पोषण किया और उनको बेहतरीन शिक्षा दिलाई.
इल्मा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक सेंट स्टीफन से फिलॉसफी में ग्रेजुएशन किया. अपनी मेहतन, लगन और प्रतिभा के बलबूते स्कॉलरशिप हासिल किया और हायर एजुकेशन के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का रुख किया. यहां पढ़ाई के दौरान वह साइंसेज पो में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पेरिस गईं. इसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क में मैनहट्टन के एक वालंटरी सर्विस प्रोग्राम में भी भाग लिया.
आईपीएस बनने का सफर
इल्मा अफरोज को न्यूयॉर्क की एक फाइनेंशियल कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी का बेहतरीन ऑफर मिला था, लेकिन देश सेवा की उनकी ख्वाहिश लिए वह वापस भारत लौटीं. उनका कहना था कि उनकी शिक्षा पर पहला उनके देश और उनकी मां का है. अपने इन्हीं सिद्धांतों का पालन करने के लिए वह देश लौटीं.
भारत आने के बाद उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक सिविल सेवा का रुख किया. इल्मा साल 2017 में सिविल सर्विस परीक्षा में कामयाब रहीं और ऑल इंडिया रैंक 217 हासिल की और अगस्त 2018 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल हुईं. उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर आवंटित किया गया, यहां उन्होंने 16 महीने की कठोर ट्रेनिंग पूरी की.
सोशल मीडिया पर जुड़ाव
व्यस्त शेड्यूल के बीच इल्मा अफरोज मौके मिलने पर सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करती है. उनहों ने 2020 में इंस्टाग्राम पर अपना अकांउट बनाया. इल्मा ने अपनी पहली पोस्ट हिमाचल प्रदेश क्रिकेट स्टेडियम, धर्मशाला से थी.
इंस्टाग्राम पर आईपीएस इल्मा अफरोज के 15 हजार फॉलोवर्स हैं. यहां वह अपने पैतृक गांव, मां की फोटो समेत अलग अनुभवों को साझा करती हैं. मां के प्रति स्नेह उनकी आखिरी पोस्ट से झलकता है, जिसे उन्होंने अपनी मां को समर्पित करते हुए उन्हें 'दुनिया की सबसे बहादुर महिला' और अपनी 'ताकत' बताया है.
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