Nag Panchami 2021:  पीलीभीत के पूरनपुर तहसील में स्थित किवला हजरत खाकी शाह बाबा की दरगाह पर हर वर्ष नाग पंचमी के दिन कई गांवों के हिन्दू सनातन धर्म को मानने वाले सैकड़ों लोग मजार पर आकर चना, दूध चढ़ा कर नाग देवता की पूजा अर्चना करते हैं. आपको बता दें कि, ये सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा है, जिसे गांव के लोग मानते चले आ रहे हैं. जिसका किसी मुस्लिम ने भी आज तक इसका कभी विरोध नहीं किया, बल्कि स्वयं भी मजार पर पहुंच कर नाग पंचमी के दिन दुआ कर मन्नत मांगते हैं. 


मजार पर दूध चढ़ाकर की जाती है पूजा-अर्चना


नाग पंचमी के दिन सभी हिन्दू शिव मंदिरों में नाग पंचमी की पूजा करते हैं, लेकिन पूरनपुर तहसील में ये मजार पर दूध चढ़ा कर नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती है. मजार के खादिम ने बताया कि, ये तीसरी पीढ़ी है और वर्षों से यह पुरानी परंपरा चली आ रही है, जिसको लेकर हिन्दू भाइयों से जुड़ी आस्था को हिन्दू मुस्लिम दोनों निभाते हुए हर वर्ष नाग पंचमी की पूजा कर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.


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सैकड़ों वर्षों से मजार पर दूध व चना चढ़ा कर नाग पंचमी के त्योहार की चली आ रही परंपरा को लेकर अभी तक किसी को कुछ जानकारी स्पष्ठ नहीं है. ऐसा माना जाता है कि, कई सैकड़ों वर्ष पहले इस मजार से नागराज की कहानी जुड़ी है. जो पुराने समय में मजार पर नागदेवता की पूजा अर्चना किया करते थे. यह सब देख कर गांव के आस पास के सैकड़ों हिंदुओं ने मजार पर जाकर अपनी मन्नत पूरी होने की कहानी को सच मानते हुए हर वर्ष चली आ रही परंपरा को मनाते हुए मजार पर नाग पंचमी की पूजा अर्चना करने लगे. जिसको लेकर गांव के मुस्लिम समाज के लोगों व मुस्लिम धर्म गुरुओं को मजार पर हिंदुओं द्वारा की जाने वाली नाग पंचमी की पूजा को सहज मानते हुए उनके साथ पूजा में शामिल होकर हर वर्ष गांव में नाग पंचमी का त्योहार मनाते हुए मेला भी लगाने लगे.


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