अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हिंदूवादी संगठनों ने की आरक्षण की मांग, प्रशासन को ज्ञापन भेज दी चेतावनी
Reservation in AMU: अलीगढ़ में हिंदूवादी संगठनों और कुछ छात्रों ने आरक्षण की मांग को लेकर एएमयू में प्रदर्शन किया. हालांकि पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से इस प्रदर्शन को रोक दिया.
Aligarh News Today: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में आरक्षण का विवाद कोर्ट में लंबित है. इस बीच आरक्षण को लेकर हिंदूवादी नेताओं और छात्रों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने वालों ने नारेबाजी करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को आतंकवाद का अड्डा बताया है.
हिंदूवादी नेताओं का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में वह आरक्षण लेकर प्रदर्शन करते रहेंगे, इससे पहले भी आरक्षण को लेकर प्रदर्शन किया जा चुका है. इसको लेकर आज एक बार फिर बड़ी शुरुआत की गई है. इस मुद्दे को लेकर एएमयू के सर्कल गेट पर हिंदूवादी नेताओं और कुछ छात्रों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी थी.
प्रदर्शन को पुलिस ने रोका
मंगलवार को दर्जनों की तादाद में हिंदूवादी नेता और कुछ छात्रों के जरिये जिला कलक्ट्रेट से होकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सर्कल गेट पर कूच करने की कोशिश की गई, लेकिन क्षेत्राधिकारी सिविल लाइन और अलग-अलग थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर पहले ही बुला लिया गया था.
प्रशासन ने बीच रास्ते में ही हिंदूवादी नेताओं और छात्रों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया. एसीएम पंकज मिश्रा को छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए आरक्षण की मांग की.
प्रदर्शन से पहले ही हिंदूवादी संगठनों ने ऐलान किया था कि वे एएमयू के बाब-ए-सैयद गेट पर बड़ा प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर ठंडी सड़क पर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल और पीएसी को भी मौके पर तैनात कर दिया गया. यूनिवर्सिटी के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था के कारण क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बना रहा.
क्या है मांग?
राष्ट्रपति के नाम दिए गए ज्ञापन में छात्रों ने कई महत्वपूर्ण मांग की है. इसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दलित, पिछड़े और आदिवासी समुदाय को आरक्षण देने की मांग की गई. ज्ञापन में छात्रों ने की ये मांगे-
1. सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण लागू है, लेकिन एएमयू में इस प्रावधान का पालन नहीं हो रहा. ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि यूनिवर्सिटी में हिंदू (दलित, पिछड़े, आदिवासी) छात्रों के साथ भेदभाव हो रहा है. प्रदर्शनकारी समूहों का कहना है कि यह संविधान का उल्लंघन है और इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए.
2. ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि हाल ही में न्यायालय ने अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर जो निर्णय दिया है, उसे संसद में विधेयक के माध्यम से लागू किया जाए. छात्रों ने इसके तहत न्यायालय के आदेश के पालन करने की मांग की गई.
3. जब तक न्यायालय से आरक्षण के संबंध में अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटियों की तरह पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए.
4. हिंदू छात्रों के साथ हो रहे धार्मिक भेदभाव को रोकने के लिए एक विशेष समिति गठित करने की मांग की गई, जो समय-समय पर छात्रों के साथ संवाद करेगी. इससे धार्मिक भेदभाव के रोकथाम में आसानी होगी.
हिंदूवादी संगठनों ने दी चेतावनी
हिंदूवादी संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को समय रहते पूरा नहीं किया गया, तो यह स्थिति गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकती है. हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया है कि आरक्षण न लागू करने और भेदभाव के चलते एएमयू आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ बन सकता है.
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि पहले भी एएमयू से जुड़े छात्रों पर आतंकवाद से संबंधित आरोप लगे हैं और इस तरह के हालात देश को विभाजन की ओर धकेल सकते हैं. ज्ञापन में आगे कहा गया है कि देशहित और हिंदू बहुसंख्यक समाज के लाभ के लिए इन मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार करना अनिवार्य है.
'शांतिपूर्ण रहा प्रदर्शन'
इस मामले में एसीएम पंकज मिश्रा ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आरक्षण की मांग को लेकर कुछ छात्रों ने प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा और छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है. इस ज्ञापन को प्राप्त कर उचित माध्यम से आगे भेज दिया जाएगा. ज्ञापन देने के बाद छात्र वापस अपने गंतव्य को लौट गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात की गई थी.
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