Agra News: ताजमहल पर आयोजित होने वाले उर्स का आयोजन हर साल होते आया है. ताजमहल पर हर वर्ष मुगल बादशाह शाहजहां का उर्स लगता है, जिसमें अनेकों प्रकार के कार्यक्रम होते है. मुगल बादशाह शाहजहां का उर्स तीन दिवसीय होता है, जिसके आखिरी दिन दुनिया की सबसे बड़ी चादर चढ़ाई जाती है. ताजमहल के उर्स का आयोजन शुरू होने से पहले हिंदूवादी संगठन ने विरोध का ऐलान कर दिया है. हिंदूवादी संगठन का कहना है कि उर्स को लेकर आगरा न्यायालय में हमने वाद दाखिल किया है. 


दरअसल शुक्रवार को हिंदूवादी संगठन अखिल भारत हिन्दू महासभा के बैनर तले पदाधिकारियों ने पुरातत्व विभाग के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारियों ने जमकर नारेबाजी की, हाथों में झंडे लेकर हिंदूवादी पुरातत्व विभाग के कार्यालय पर पहुंचे और नारेबाजी करने लगे. अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रवक्ता ने बताया कि ताजमहल पर उर्स का आयोजन होना है, जिसे विभाग द्वारा कराया जाता है तो फिर शाहजहां सेलिब्रेशन उर्स कमेटी क्यों बेगानी शादी में अब्दुला दीवाना वाला किरदार निभा रहा है.


हिंदूवादी संगठन ने आरटीआई के माध्यम से मांगी जानकारी 
हमने 4 फरवरी 2024 को आगरा न्यायालय में वाद दाखिल किया था और आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी तो जवाब में पुरातत्व विभाग द्वारा कहा गया कि उर्स विभाग द्वारा कराया जाता है तो फिर उर्स कमेटी क्यों इसे अपना बताती है. ये उर्स कमेटी उर्स के नाम चंदा लेते हैं. जब विभाग द्वारा कार्यक्रम कराया जाता है तो फिर चंदा क्यों लिया जाता है और यह इतनी बड़ी चादर किसके पैसे बनाई जाती है? हम पुरातत्व विभाग से पूछना चाहते है कि आखिर उर्स कमेटी बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना वाली भूमिका क्यों निभा रही है. 


अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने बताया कि आगरा न्यायालय में उर्स को लेकर हमनें वाद दाखिल किया है और आरटीआई के जरिए जवाब भी मांगा था. अखिल भारत हिन्दू महासभा ताजमहल के सम्मान के लिए मैदान में उतरे रहेगी. यह तेजोमहालय है और तेजो पर उर्स का हम विरोध करेंगे. ताजमहल पर लगने वाला यह 370 वां उर्स है 26 , 27 और 28 आयोजित होना है, जिसको लेकर शाहजहां सेलिब्रेशन उर्स कमेटी के द्वारा तैयारी की जा रही है, जबकि हिंदूवादी संगठन उर्स के विरोध में है. 


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