उत्तरकाशी: हिंदू संगठनों की महापंचायत, लव जिहाद, लैंड जिहाद और बाहरियों की जांच की मांग
Mahapanchayat in Uttarkashi: देव भूमि के उत्तरकाशी में 3 दशक से ज्यादा पुरानी मस्जिद को लेकर विवाद जारी है. इसको देखते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मस्जिद के 50 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है.
Uttarkashi News Today: उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में हिंदू संगठनों ने शनिवार (30 नवंबर) से महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. इस महापंचायत आयोजन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और हनुमान चालीसा पाठ के साथ हुई. इस महापंचायत का आयोजन देवभूमि विचार मंच के बैनर तले किया गया है.
रामलीला मैदान में आयोजित इस महापंचायत के जरिये हिंदू संगठन कथित लव जिहाद, लैंड जिहाद, अवैध अतिक्रमण और बाहरी राज्यों से आए लोगों के खिलाफ जांच की मांग की जा रही है. महापंचायत के दौरान गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान और अन्य प्रमुख वक्ता मौजूद हैं.
छह महीने से जारी है विवाद
उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर शुरू हुआ विवाद पिछले छह महीनों से जारी है. यह मस्जिद जिले के बाड़ाहाट इलाके में स्थित है और 1969 में बनी है. विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू संगठनों ने इसे अवैध बताकर कार्रवाई की मांग की. 14 अगस्त 2024 को हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद को लेकर आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी.
इसके बाद हिंदू संगठनों के जरिये मस्जिद के खिलाफ 24 अक्टूबर को जनाक्रोश रैली का आयोजन किया गया, जिसमें पथराव और हिंसा हुई. इस पथराव और हिंसा में नौ पुलिसकर्मियों समेत 27 लोग घायल हो गए थे, जिसके बाद पुलिस ने कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था.
रजिस्ट्री से शुरू हुआ विवाद
यह मस्जिद 35 साल पुरानी बताई जा रही है. इसके निर्माण के लिए 4 नाली और 15 मुठ्ठी भूमि का सौदा किया गया था. साल 2005 में इस भूमि का दाखिल-खारिज किया गया, जिसके बाद कानूनी विवाद शुरू हो गया. प्रशासनिक जांच के दौरान इस निर्माण को लेकर विवाद और बढ़ गया. हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक अतिक्रमण का मामला बताते हुए इसे हटाने की मांग की है.
24 अक्टूबर की रैली के बाद आंदोलन को धार देने के लिए 17 नवंबर को कीर्ति सिंह महर को देवभूमि विचार मंच का जिला संयोजक नियुक्त किया गया. इसके बाद मंच ने 1 दिसंबर को रामलीला मैदान में महापंचायत आयोजित करने का निर्णय लिया. इस महापंचायत में उत्तरकाशी के अलग-अलग हिंदू संगठनों और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने हिस्सा लिया.
महापंचायत की मांगें
महापंचायत में हिंदू संगठनों ने कई प्रमुख मांगें उठाई हैं, जिनमें कई मांगे शामिल हैं. इसके तहत अवैध निर्माण और अतिक्रमण की जांच. बाहरी राज्यों से आए लोगों और संदिग्ध मानसिकता के व्यक्तियों की पहचान करना. गांव-गांव में घूमने वाले फेरीवालों और कबाड़ियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के साथ लव जिहाद और लैंड जिहाद के मामलों की रोकथाम शामिल है.
महापंचायत से पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के तहत जिला प्रशासन ने विवादित मस्जिद के 50 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू (पूर्व में धारा 144) कर दी है. धारा के प्रभाव में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने, रैली, प्रदर्शन और हेट स्पीच पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है.
सुरक्षा व्यवस्था के विशेष इंतजाम
महापंचायत के मद्देनजर प्रशासन ने जिले को तीन जोन और कई सेक्टरों में बांटा है. प्रत्येक जोन में सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति की गई है. इसके साथ पुलिस ड्रोन से निगरानी कर रही है और ट्रैफिक को डायवर्ट किया है. रामलीला मैदान और इसके आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
उत्तरकाशी का यह विवाद केवल कानूनी मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह धार्मिक और सामाजिक तनाव का बड़ा कारण बनता जा रहा है. हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस विवाद का समाधान करने के लिए प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. वहीं स्थानीय समुदाय में इस मुद्दे पर गहरा मतभेद है. महापंचायत के आयोजन और उठाई गई मांगों का क्षेत्रीय राजनीति पर भी प्रभाव पड़ सकता है.
ये भी पढ़ें: साहिबा खातून और अमजद को CM योगी ने दिया मैरिज गिफ्ट, तालियों से गूंज गया पूरा हॉल