वाराणसी: रामनगर की ऐतिहासिक रामलीला पर कोरोना का साया, टूट जाएगी दो सौ साल पुरानी परंपरा!
कोरोना के चलते तमाम धार्मिक आयोजन नहीं हो रहे हैं. यही नहीं, रामलीला के आयोजन पर भी अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं. वाराणसी के रामनगर की ऐतिहासिक रामलीला इस पर स्थगित की जा सकती है.
वाराणसी. ऐतिहासिक रामनगर की रामलीला पर कोरोना का ग्रहण लगा है. काशी नरेश कोरोना से बीमार हैं और माना ये जा रहा है कि इस बार रामनगर की रामलीला स्थगित हो जायेगी. हालांकि अभी राजा की ओर से लिखित स्पष्टीकरण नहीं है लेकिन तैयारियां न होना रामलीला के आयोजन पर संदेह बढ़ा रही हैं.
काशी नरेश कोरोना से पीड़ित
वाराणसी में गंगा के उस पार होने वाली रामलीला इस बार नहीं हो पाएगी. रामनगर में सात अगस्त को गणेश पूजन नहीं हो पाया, इसके साथ ही काशी नरेश कोरोना से पीड़ित हैं. लिहाजा रामनगर सहित काशी और पड़ोसी जनपदों के विख्यात उत्सव पर इस बार कोरोना ग्रहण लगता नजर आ रहा है. एबीपी गंगा की टीम ने रामलीला के शुरुआती दिनों से पात्र की भूमिका निभाने वाले लोगों से बातचीत की तो निराशा उनमें भी साफ तौर पर देखने को मिली.
टूट जाएगी 200 सालों की परंपरा आपको बता दें कि आधुनिक युग में सब कुछ बदला लेकिन रामनगर की रामलीला आज भी अपनी उसी पुराने अंदाज में होती रही है, बिना लाउडस्पीकर पेट्रोमैक्स में होने वाली रामलीला की शुरुआत 1806 में हुई थी, 83 से 84 दिनों की इस रामलीला को देखने के लिए हजारों की भीड़ होती थी, लेकिन इस बार कोरोना से लगभग 200 सालों से ज्यादा की परंपरा टूटती नजर आ रही है, जो रामनगर अब तक सजने लगता था वहां आज सन्नाटा है. लिहाजा लोगों में निराशा है.
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