लखनऊ, संतोष कुमार। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो जाएंगे। इस मौके पर लखनऊ पुलिस लाइन में पारंपरिक परेड के साथ विदाई दी जाएगी। लेकिन यह विदाई अपने आप में एक इतिहास को भी समेटे होगी। यह इतिहास होगा डीजीपी की गाड़ी का जो अब तक आजाद हिंदुस्तान में यूपी पुलिस की कमान संभाल चुके सभी पुलिस चीफ को विदाई दे चुकी है और यह गाड़ी निकलती भी विदाई देने के लिए ही है।


यूं तो आपने विंटेज कार की रैलियों में कई पुरानी गाड़ियां देखी होंगी लेकिन डीजीपी के विदाई समारोह का हिस्सा बननेवाली ये गाड़ी खास है। क्रिसलर कारपोरेट के द्वारा बनाई गई इस गाड़ी का नाम किंग्सवे डॉज कार है। 29 नवंबर 1956 में इसे रुपये 61,063.81 में खरीदा गया था। एसएसपी लखनऊ के नाम पर खरीदी गई यह कार अब डीजीपी के नाम पर है।


कार का इतिहास
एसएसपी लखनऊ के नाम पर डॉज किंग्सवे खरीदकर आई थी। उस समय इसे खरीदने के लिए 61 हजार 83 रुपये 81 पैसे चुकाए गए थे। सीतापुर से राज्य पुलिस मोटर वाहन अधिकारी इसे खरीदकर लाए थे और तत्कालीन एसएसपी लखनऊ को इसकी चाबी सौंपी थीं। वहां से यह कार इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की सेवा में लगा दी गई। बाद में आईजीपी का पद डीजीपी का हो गया। 1956 में इस कार के लिए बनाई गई लॉग बुक आज भी मौजूद है। इस कार की सर्विस करने वाला एक ही कारीगर लखनऊ में था, जिसकी कुछ सालों पहले ही मौत हो गई।


सबसे लंबी गाड़ी
डॉज कार आज के समय के किसी भी एसयूवी फार्च्यूनर, इनोव क्रिस्टा, टाटा सफारी से लंबी है। इस गाड़ी की 481.3 सेमी लंबी,186.4 सेमी चौड़ी,161.6 सेमी ऊंचाई वाली यह गाड़ी 6 सिलिंडर के साथ 3600सीसी की कार है। तीन फ्रंट और एक बैक गियर के साथ यह गाड़ी 1400 किलोग्राम वजन की है। यह तो रही गाड़ी की बात। इस कार के इतिहास पर गौर किया जाये तो परंपरा के तौर पर जब भी उत्तर प्रदेश पुलिस का कोई मुखिया रिटायर होता है तो विदाई के तौर पर पुलिस लाइन में दी जाने वाली रैतिक परेड में डीजीपी को इसी कार में बैठाकर, कार को रस्सी से बांधकर खींचते हुए विदाई देते हैं। अब तक 57 डीजीपी को विदाई दे चुकी यह डॉज गाड़ी 31 जनवरी को यूपी पुलिस के 58वें डीजीपी ओपी सिंह को भी विदाई देने के लिए तैयार की जा रही है।