उत्तर प्रदेश के चंदौली में सैयदराजा विधानसभा साल 2012  में अस्तित्व में आया था. इसके पहले यह सीट चंदौली सदर के नाम से जानी जाती थी और पहली बार 1952 मे चंदौली सदर सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता स्वर्गीय कमलापति त्रिपाठी विजयी हुए थे. बाद में आगे चलकर यह सीट सुरक्षित कर दी गयी और 2012 में इस सीट का नाम सैयदराजा हो गया, जो सामान्य सीट है.


सैयदराजा विधानसभा में हुए पिछले तीन चुनाव के परिणाम 



  • साल 2007 में बहुजन समाज पार्टी के शारदा प्रशाद ने समाजवादी पार्टी के राम उजागर गौड़ को 8506 मतों से हराया था. इस साल यह सीट चंदौली सदर के नाम से जानी जाती थी जो सुरक्षित सीट थी.

  • साल 2012 में मनोज कुमार सिंह उर्फ डब्लू निर्दल उम्मीदवार थे. इन्होंने पूर्वांचल के डान बृजेश सिंह को हराया था. बृजेश सिंह पीएमएसपी पार्टी से चुनाव लड़े थे, 29.23 फीसदी के साथ मनोज सिंह डब्लू को कुल 51499 वोट मिले थे जबकि 28.08 फीसदी के साथ डान बृजेश सिंह को 49483 वोट मिले थे.

  • साल 2017 चुनाव में बीजेपी की लहर थी और बीजेपी के सुशील सिंह ने अपने चाचा डान बृजेश सिंह के हार का बदला लेते हुए बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली नेता विनीत सिंह को धूल चटाया था और जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में सुशील सिंह को कुल 78869 वोट मिले जबकि बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली नेता विनीत सिंह को 64375 वोट मिले थे.


सैयदराजा विधानसभा में दलों के नेताओं के नाम और उनका प्रभाव



  • बीजेपी से बिरेन्द्र जायसवाल- वर्तमान में नगर पंचायत अध्यक्ष सैयदराजा हैं. सभी वार्डो में पकड़ है उसके साथ-साथ वैश्य समाज के होने के कारण विधानसभा में अच्छी पकड़ है अपने वैश्य समाज में.

  • बीजेपी भगवती तिवारी-  युवा नेता हैं. ब्राह्मण जाति के होने के कारण सैयदराजा विधानसभा में अपनी जाति पर पकड़ काफी मजबूत है, क्योंकि भगवती तिवारी स्थानीय हैं लोगों के सुख दुख में जमीन से जुड़े है. वर्तमान में इनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य है.

  • समाजवादी पार्टी से अंजनी सिंह- सपा के इस विधानसभा के चर्चित नेता हैं, भूतपूर्व सैनिक है. लोगों के छोटे से छोटे काम के लिए उनकी आवाज बनकर सदैव लड़ाई लड़ते रहते है और राजपूत जाति होने के कारण अपनी स्वजात में पकड़ अच्छी है.

  • सपा से नंद कुमार राय- इस विधानसभा में भुनिहार जाति के मतदाताओं की संख्या काफी अच्छी है. अपनी जाति के लोगों पर पकड़ अच्छी है और सपा के चर्चित नेता है सैयदराजा में.

  • भारतीय समाज सुहेलदेव पार्टी के दीपक राजभर ओमप्रकाश राजभर के बहुत करीबी है. जिले में जिला महासचिव के पद पर सुभासपा के पद पर तैनात है. राजभर समाज और जाति में पकड़ ज्यादा है. पिछडों और दलितों की आवाज हमेशा उठाते रहते है.


सैयदराजा विधानसभा का बड़ा मुद्दा
सैयदराजा विधानसभा में ज्यादातर इलाका ग्रामीण है और सबसे बड़ी समस्या टेल तक नहरों में पानी पहुचाने की रहती है. वहीं जिला मुख्यालय और सबसे बड़े नगर दीनदयाल और रेलवे स्टेशन से कनेक्टविटी की कमी है. छात्र छात्राओं को BSC पढ़ाई के लिए ज्यादा सुबिधा नहीं है. 


सैयदराजा विधानसभा सीट पर बड़ा फैक्टर
सैयदराजा विधानसभा में सबसे बड़ा मुद्दा जातीय समीकरण रहता है. इस विधानसभा में सड़क और यूपी बिहार बॉर्डर पर बने नौबत पुर में आए दिन जाम के झाम में लोग फंसते रहते है. यह भी एक बड़ा मुद्दा है.


सैयदराजा विधानसभा का तानाबाना
सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन हर जाति वर्ग के लोग रहते हैं. वर्तमान समय में सैयदराजा विधानसभा में कुल 321145 मतदाता हैं, जिसमें 175053 पुरुष मतदाता हैं तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 146069 है. इस विधानसभा में थर्ड जेंडर के 23 मतदाता हैं.


विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं को अगर जातिगत आधार पर विभाजित करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन 42 हजार क्षत्रीय मतदाता हैं, जबकि इसी के आसपास यादव मतदाताओं की भी संख्या है. विधानसभा क्षेत्र में हरिजन मतदाताओं की तादाद करीब 35 हजार हैं तो 20 हजार ब्राह्मण, 26 हजार बिंद, 21 के आसपास मुस्लिम, 20 हजार के करीब मौर्या, करीब 16 हजार वैश्य, 16 हजार राजभर, 13 हजार भूमिहार, 10 हजार के करीब मल्लाह मतदाता हैं. साथ ही साथ तकरीबन 30 हजार के आसपास अन्य जातियों के मतदाता भी इस विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं.