History of Gorakhpur: कभी रामग्राम तो कभी अख्तरनगर, आठ बार बदला जा चुका है गोरखपुर का नाम, जानिए शहर का पूरा इतिहास
Gorakhpur City History: गोरखपुर का नाम पिछले 2600 सालों में 8 बार बदला जा चुका है. कभी इस शहर का नाम सूब-ए-सर्किया था तो कभी अख्तनगर. साल 1801 में ब्रिटिश सरकार ने इसका नाम बदलकर गोरखपुर रख दिया.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद राज्य के कई जिलों के नाम बदले गए जैसे- मुगलसराय का दिनदयाल उपाध्याय, इलाहाबाद का प्रयागराज, फैजाबाद का अयोध्या हो गया. इसके अलावा अभी भी कई शहरों के नाम बदलने पर काम चल रहा है.
शहरों के नाम बदलने की यह प्रथा नई नहीं है. गोरखपुर का नाम पिछले 2600 सालों में करीब 8 बार बदला जा चुका है. दुनिया को योग से रूबरू कराने वाले गुरु गोरखनाथ के नाम पर ही गोरखपुर का नाम पड़ा है.
गोरखपुर नाम तकरीबन 220 साल पुराना है. इससे पहले नौवीं शताब्दी में इसे गोरक्षपुर के नाम से जाना जाता था. भारत पर अलग-अलग शासकों के राज में इस शहर का नाम बदलता रहा. कभी इसे सूब-ए सर्किया के नाम से जाना गया तो कभी अख्तनगर के नाम से. हालांकि अंत में अंग्रेजों ने साल 1801 में इस शहर का नाम गोरखपुर रख दिया.
औरंगजेब के बेटे के नाम पर भी पड़ चुका है गोरखपुर का नाम
औरंगजेब के शासन काल के दौरान (1658-1707) के दौरान गोरखपुर का नाम मोअज्जमाबाद पड़ा. दरअसल एक बार औरंगजेब का बेटा मुअज्जम यहां शिकार के लिए आया था. वह इस शहर में कुछ दिनों रूका रहा. जिसके बाद इस शहर का नाम मोअज्जमाबाद कर दिया गया. साल 1801 में अवध के नवाब ने ईस्ट इंडिया को इस शहर को आधुनिक काल से जोड़ने के लिए कहा. जिसके बाद गोरखपुर को अपना पहला कलेक्टर मिला. यह जिलाधिकारी श्री रूटलेज था. साल 1829 में गोरखपुर नाम से एक डिवीजन का हेडक्वार्टर बनाया गया.
कभी रामग्राम हुआ करता था यह शहर
गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के प्रो. राजवंत राव के अनुसार छठी शताब्दी पूर्व गोरखपुर का नाम रामग्राम हुआ करता था. दरअसल उस वक्त यह नाम रामगढ़ झील के नाम पर रखा गया था. लेकिन भौगोलिक आपदाओं के कारण रामग्राम धंसकर झील में तब्दील हो गया. चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल के दौरान इस क्षेत्र का नाम पिप्पलिवन था. हालांकि 9वीं शताब्दी में इसे गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर गोरक्षपुर रख दिया गया.
छठी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर अब तक गोरखपुर का नाम
- छठी शताब्दी ईसा पूर्व में रामग्राम
- तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पिप्पलीवन
- नौवीं शताब्दी में गोरक्षपुर
- 13वीं और 14वीं शताब्दी में सूब-ए-सर्किया
- 14वीं शताब्दी में में अख्तरनगर
- 17वीं शताब्दी में गोरखपुर सरकार
- 17वीं शताब्दी में ही औरंगजैब के बेटे के नाम पर मोअज्जमाबाद
- 1801 से लेकर अब तक गोरखपुर
सीएम योगी आदित्यनाथ पहले भी बदल चुके हैं स्थानों के नाम
योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने से पहले गोरखपुर के कई मोहल्लों का नाम बदलवाने का अभियान चलाया था. जिसके बाद अलीनगर का आर्यनगर, उर्दू बाजार का हिंदी बाजार, हुमायूंपुर का हनुमानपुर हो गया.
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