यूपी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) के रुप में बड़ा तोहफा मिला है. इसका लाभ आसपास के 15 ज़िलों के क़रीब दो करोड़ यात्रियों को मिलेगा.
क़रीब 260 करोड़ रूपए की लागत से बना नया टर्मिनल 3600 स्क्वायर मीटर में फैला है. इस एयरपोर्ट पर एक साथ 300 यात्रियों को सम्भालने की क्षमता मौजूद है.
आपको बता दें कि इस एयरपोर्ट के लिए अंग्रेजो के शासनकाल में ही काम शुरु हुआ था. 1946 में ही यहां पर हवाईपट्टी विकसित हो गई थी. इसके बाद कई सरकारें आईं और गईं लेकिन कोई इसे संचालित नहीं करा पाया. 2018 में पीएम मोदी ने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की घोषणा की. 2020 में इसे मंजूरी मिली.
आइए जानते हैं कि इस एयरपोर्ट का काम कब से शुरु हुआ और किसने क्या किया.... जानते हैं पूरा इतिहास
- 1946: भलुही मदारी पट्टी गांव, ब्रिटिश हुकूमत ने हवाई पट्टी निर्माण के लिए करीब 650 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर निर्माण कार्य शुरू कराया, दो वर्ष में बनकर तैयार हुआ, इसका कोई उपयोग नहीं हुआ
- 1954: बुद्ध पूर्णिमा पर कुशीनगर में दुनिया भर के बौद्ध धर्म के अनुयायी जुटे थे, पहली बार हवाई पट्टी का उपयोग विमान उतारने के लिए हुआ - परंतु इसके बाद फिर किसी ने हवाई पट्टी की सुध नहीं ली
- हवाई पट्टी - गांवों के लोग फसलों की मड़ाई करते थे, बच्चे खेलते थे और साइकिल चलाना भी इसी पर सीखते थे
- पांच सितंबर 1995: U.P. - तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने हवाई पट्टी के जीर्णोद्घार की घोषणा की
- 10 अक्टूबर 1995: तत्कालीन केंद्रीय नागर विमानन और पर्यटन मंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी हवाई पट्टी के लिए टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास किया, तीन वर्ष के भीतर बनकर तैयार हुआ, परंतु विमानों का नियमित उड़ान शुरू नहीं हुआ
- 2008: तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने बजट सत्र में कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की बात रखी
- मार्च 2010: जमीन अधिग्रहण का अध्यादेश भी जारी हो गया परंतु किसानों के विरोध के चलते कार्य रुक गया
- 2012: सपा सरकार में कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रस्ताव पर कार्य शुरू कराया
- जमीनों अधिग्रहण के साथ ही निर्माण के लिए बजट की व्यवस्था की गई, परंतु कंपनियां तैयार नहीं हो रही थीं
- चार अप्रैल 2016: इसका शुभारंभ को प्रदेश के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी ने डीएम की मौजूदगी में भूमि पूजन किया
- 2018: लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर समिट में PM मोदी ने कुशीनगर हवाई पट्टी को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की थी
- 24 जून 2020: PM मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में बौद्ध तीर्थ स्थल कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को मंजूरी दी
- 20 अक्टूबर 2021: पीएम मोदी द्वारा कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन
आपको बता दें कि लुम्बिनी, गया, सारनाथ और कुशीनगर के बुद्धिस्ट सर्किट में कुशीनगर सेंटर पॉंईंट पर है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन जाने से अब पूरे बुद्धिस्ट सर्किट की तीर्थ यात्रा में कम समय लगेगा. बुद्धिस्ट सर्किट में लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, संकिशा और वैशाली आते हैं. बुद्धिस्ट सर्किट में आने वाले तीर्थ स्थलों के लिए श्रीलंका, जापान, ताईवान, साउथ कोरिया, चीन, थाईलैंड, विएतनाम और सिंगापुर से तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में आते हैं. कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चलते अब इलाक़े की हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को काफ़ी मजबूती मिलेगी.