मथुरा: राधा-कृष्ण के अनूठे प्रेम की धरती ब्रज में रंग और उमंग का त्योहार होली, बसंत पंचमी के दिन से ही शुरु हो गया है. ये त्योहार होलिका दहन और 'धुलेड़ी' (रंगों वाली होली) के बाद करीब 50 दिनों तक चलेगा. आज वृन्दावन के ठा. शाहबिहारी मंदिर और ठा. बांकेबिहारी, मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और बरसाना के लाड़िली जू (राधारानी के) मंदिरों में पहली बार होली खेली जाएगी और होली के गीतों का गायन प्रारंभ हो जाएगा. जो होलिका दहन तक चलेगा.


फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक मंदिरों में होली जारी रहेगी
ठा. शाहबिहारी मंदिर को टेढ़े कमरों वाला मंदिर भी कहा जाता है और यह साल में केवल दो बार ही खुलता है. बसंत पंचमी के अवसर पर वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी मंदिर सहित सभी मंदिरों में ठाकुरजी को गुलाल अर्पित किए जाने के साथ ही ब्रज में होली का उल्लास शुरु हो जाएगा. इसी के साथ फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक मंदिरों में होली जारी रहेगी.


बता दें कि हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन स्वर और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. मां सरस्वती को वाणी, बुद्धि, और ज्ञान की देवी कहा जाता है.


पूजा का समय
16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी, जो कि अगले दिन यानी 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में पंचमी तिथि 16 फरवरी को पूरे दिन रहेगी.


ये भी पढ़ें-



Basant Panchami 2021: बसंत पंचमी का त्योहार आज, जानें- कब है पूजा का शुभ मुहुर्त और कैसे करें पूजा


प्रियंका गांधी के महापंचायत में शामिल होने पर राकेश टिकैत बोले- 'हम किसको रोक सकते हैं'