प्रयागराज. देश के तमाम हिस्सों में होली का हुल्लड़ भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में आज दूसरे दिन भी जमकर अबीर-गुलाल उड़ाये जा रहे हैं. प्रयागराज में तीन दिनों तक सड़कों पर भीड़ के साथ रंग खेलने की अनूठी परंपरा है. यहां सड़कों पर सैकड़ों होलियारों की भीड़ आज दूसरे दिन भी रेन डांस करते हुए अबीर-गुलाल उड़ाकर होली की मस्ती में सराबोर नजर आ रही है. चौक मोहल्ले में मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन और देश के पहले पीएम पंडित नेहरू के पुश्तैनी घरों के पास होलियारों की भीड़ जुटी हुई है. होली की मस्ती में सराबोर भीड़ का यह नजारा लोगों को बरबस ही कान्हा की नगरी मथुरा और वृन्दावन की याद दिला देता है.


बारात निकालने और ठंडई पीने की परंपरा
होली के दूसरे दिन प्रयागराज में कई जगहों से बारात निकाले जाने और सामूहिक तौर पर ठंडई पीने की भी परंपरा है. यहां के तीन दिनों के होली उत्सव में महाकवि निराला के मोहल्ले की दमकल होली और हरिवंश राय बच्चन के इलाके की कपड़ा फाड़ होली समूची दुनिया में मशहूर है. होली का असली रंग दूसरे दिन ही देखने को मिलता है. प्रयागराज के दूसरे दिन की होली की भव्यता और यहां की मस्ती तमाम लोगों को मथुरा और वृन्दावन से ज़्यादा पसंद आती है. यहां की गलियों में दूसरे दिन खेली जाने वाली होली को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.


कपड़ा फाड़ होली के लिए मशहूर प्रयागराज
होलियारों की टोली यहां दूसरे दिन सड़कों पर निकलने वाले किसी के भी कपड़े फाड़ देती है, लेकिन कोई भी इसका बुरा नहीं मानता. कपड़ा फाड़कर उसे हवा में लहराने की अनूठी परंपरा की वजह से ही यहां की दूसरे दिन की होली को कपड़ा फाड़ होली भी कहा जाता है. दूसरे दिन सड़कों पर शाम तक रंग चलता है और इसके बाद जगह-जगह गीत-संगीत व कवि सम्मेलन के आयोजन होते हैं. पंडित नेहरू और अमिताभ बच्चन भी प्रयागराज में रहने के दौरान ना सिर्फ यहां की कपड़ाफाड़ होली में शामिल होते थे, बल्कि ये दोनों इसके आयोजन का हिस्सा भी बनते थे.


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