Holi 2023 : होली से गोरक्षपीठ का है विशेष नाता, गोरखपुर आएंगे सीएम योगी आदित्यनाथ , ये है कार्यक्रम
Holi 2023 : गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ होली के दौरान चार दिन गोरखपुर में ही रहेंगे. वे आरएसएस की ओर से निकाले जाने वाली भगवान नृसिंह की शोभायात्रा के मुख्य अतिथि रहेंगे.
Holi In Gorakhpur : होलिकोत्सव शोभायात्रा से गोरक्षपीठ का विशेष नाता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 साल से गोरक्षपीठ की ओर से बतौर पीठाधीश्वर इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं. होली के दिन सुबह 8.30 बजे वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) की अगुआई में निकलने वाली भगवान नृसिंह की शोभायात्रा में वे बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित होंगे. इसके पहले वे होलिका दहन के पूर्व श्रीश्री होलिका उत्सव समिति पाण्डेयहाता की ओर से आयोजित भक्त प्रहलाद की शोभायात्रा को अपराह्न 3 बजे हरी झंडी देकर रवाना करेंगे. 6 किलोमीटर लंबी दोनों ही शोभायात्रा में फूल और रंगों की होली होगी. इसके साथ ही होली का रंग और गुलाल के रंग में रंगकर गोरखपुर के लोग होली के उल्लास में डूब जाएंगे.
चार दिवसीय गोरखपुर यात्रा पर 6 मार्च को पहुंचेंगे सीएम योगी
गोरखपुर में बुधवार 8 मार्च को होली की सुबह 8 बजे घंटाघर से आरएसएस की ओर से निकलने वाली भगवान नृसिंह की शोभायात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं. आरएसएस की अगुआई में होली के दिन निकलने वाली भगवान नृसिंह की शोभायात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ 6 मार्च को चार दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आएंगे. सोमवार 6 मार्च को अपराह्न 3 बजे वे श्रीश्री होलिका दहन उत्सव समिति पाण्डेयहाता की ओर से निकलने वाली भक्त प्रहलाद की शोभायात्रा को झंडी देकर रवाना करेंगे. इसके पहले उनका समिति की ओर से सम्मान और उद्बोधन भी होगा. समिति की ओर से पिछली बार उन्हें बुलडोजर भेंट कर सम्मानित किया गया था. इस बार अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के प्रतीक और बुलडोजर देकर सम्मानित करने का निर्णय समिति के पदाधिकारियों ने लिया है. पाण्डेयहाता पर इस बार पहली बार इको फ्रेंडली होलिका दहन की तैयारियां की गई है. गाय के गोबर से बने उपले से इस बार होलिका जलाई जाएगी. इस बार पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए समिति के लोगों ने लकड़ी से सम्मत नहीं जलाने का ऐलान किया है. उन्होंने अन्य समिति के लोगों से भी ये अपील की है कि वे गाय के गोबर से बने कंडे को जलाकर होलिकोत्सव मनाएं.
भगवान नृसिंह की निकलेगी छह किलोमीटर लंबी शोभा यात्रा
आरएसएस के गीता नगर मंडल के पूर्व संचालक और हिन्दी बाजार होलिकोत्सव समिति के महामंत्री मनोज जालान ने बताया कि होली के दिन 8 मार्च को संघ की ओर से भगवान नृसिंह की छह किलोमीटर लंबी शोभा यात्रा निकाली जाएगी. संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने इसका शुभारंभ किया था. 1944 से ये शोभा यात्रा निकली जा रही है. सुबह 8.30 बजे शाखा के बाद शोभायात्रा का शुभारंभ होता है. 25 बरसों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि इस शोभायात्रा में सम्मिलित होकर परम्परा का निर्वहन कर रहे हैं. हजारों की संख्या में लोग इस शोभायात्रा में सम्मिलित होते हैं. संघ की गीता नगर मंडल गोरखपुर की ओर से भगवान नृसिंह की शोभायात्रा सुबह 8.30 बजे घंटाघर से निकलकर मदरसा चौक, लालडिग्गी, मिर्जापुर, घासी कटरा, जाफरा बाजार, बेनीगंज, ईदगाह रोड, चरण लाल चौक, आर्यनगर, बक्शीपुर, नखास चौक, रेती चौक, घंटाघर पर आकर संपन्न होगी.
पांच घंटे तक निकलेगी भव्य शोभा यात्रा, खेली जाएगी फूलों की होली
पांच घंटे तक निकलने वाली इस भव्य शोभायात्रा में सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में ध्वज और उसके पश्चात प्रार्थना और उद्बोधन होगा. इसके बाद फूलों की होली खेली जाएगी. गोरखनाथ मंदिर में होलिका दहन की भभूति और अबीर-गुलाल से रंग उत्सव का शुभारंभ करेंगे. उन्होंने बताया कि बरसों से गोरक्षपीठ का इससे गहरा नाता है. गोरखपुर में भगवान नृसिंह रंगोत्सव शोभायात्रा की शुरुआत अपने गोरखपुर प्रवास काल में आरएसएस के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में की थी. गोरखनाथ मंदिर में होलिका दहन की राख से होली मनाने की परंपरा इसके काफी पहले से जारी थी. नानाजी का यह अभियान होली के अवसर पर फूहड़ता दूर करने के लिए था. इस शोभायात्रा का गोरक्षपीठ से भी गहरा नाता जुड़ गया. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ भी इसमें शामिल होते थे और उनके बाद महंत अवैद्यनाथ की होली का यह अभिन्न अंग बना.
सीएम योगी ने दिया है होलिका दहन के साथ होली उत्सव में शामिल होने का आश्वासन
श्री श्री होलिका दहन उत्सव समिति पाण्डेय हाता के पदाधिकारी और कार्यक्रम संयोजक आशीष गुप्ता ने बताया कि 6 मार्च को अपराह्न 3 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ श्री श्री होलिका दहन उत्सव समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे होलिका दहन के कार्यक्रम के साथ होली के उत्सव में भी सम्मिलित होंगे. समिति की ओर से 1925 से होलिका दहन का आयोजन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 25 साल से इसमें सम्मिलित हो रहे हैं. इस बार 95वां वर्ष समिति की ओर से मनाया जा रहा है. यहां पर उद्बोधन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ भक्त प्रहलाद की शोभायात्रा को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. ये शोभायात्रा पाण्डेय हाता से शुरू होकर घंटाघर, मदरसा चौक, लालडिग्गी, मिर्जापुर, घासी कटरा, जाफरा बाजार, बेनीगंज, ईदगाह रोड, चरण लाल चौक, आर्यनगर, बक्शीपुर, नखास चौक, रेती चौक, घंटाघर होते हुए नॉर्मल चौक के बाद पाण्डेय हाता पर संपन्न होगी.
लोक कल्याण ही है नाथपंथ का मूल
रंगों के प्रतीक रूप में उमंग व उल्लास का पर्व होली गोरक्षपीठ के लिए सामाजिक समरसता के अभियान का नाम है. इस पीठ की विशेषताओं में छुआछूत, जातीय भेदभाव और ऊंच- नीच की खाई पाटने जिक्र सतत होता रहा है. समाज मे विभेद से परे लोक कल्याण ही नाथपंथ का मूल है और ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ, ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ द्वारा विस्तारित इस अभियान की पताका वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फहरा रहे हैं. गोरक्षपीठ का रंगोत्सव सामाजिक संदेश के ध्येय से विशिष्ट है. सामाजिक समरसता का स्नेह बांटने के लिए ही गोरक्षपीठाधीश्वर दशकों से होलिकोत्सव-भगवान नृसिंह शोभायात्रा में शामिल होते रहे हैं.
गोरखनाथ मंदिर में होलिकादहन से होती है होलिकोत्सव की शुरुआत
गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव की शुरुआत होलिकादहन या सम्मत की राख से तिलक लगाने के साथ होती है. इस परंपरा में एक विशेष संदेश निहित होता है. होलिका दहन हमें भक्त प्रह्लाद और भगवान श्रीविष्णु के अवतार भगवान नृसिंह के पौराणिक आख्यान से भक्ति की शक्ति का अहसास कराती है. होलिकादहन की राख से तिलक लगाने के पीछे का मन्तव्य है भक्ति की शक्ति को सामाजिकता से जोड़ना. इस परिप्रेक्ष्य में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कथन सतत प्रासंगिक है, "भक्ति जब भी अपने विकास की उच्च अवस्था में होगी तो किसी भी प्रकार का भेदभाव, छुआछूत और अस्पृश्यता वहाँ छू भी नहीं पाएगी.
वर्ष 1996 से योगी आदित्यनाथ ने इसे बना दिया सामाजिक समरसता का पर्व
वर्ष 1996 से योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी अगुआई में न केवल गोरखपुर बल्कि समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता का विशिष्ट पर्व बना दिया. अब इसकी ख्याति मथुरा-वृंदावन की होली सरीखी है और लोगों को इंतजार रहता है योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले भगवान नृसिंह शोभायात्रा का. छह किलोमीटर लंबी शोभायात्रा में पथ नियोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता करते हैं और भगवान नृसिंह के रथ पर सवार होकर गोरक्षपीठाधीश्वर रंगों में सराबोर हो बिना भेदभाव सबसे शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. भक्ति और सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिए ही गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ 1996 से 2019 तक गोरखपुर में होली के दिन निकलने वाली भगवान नृसिंह शोभायात्रा में अनवरत शामिल होते रहे हैं. कोविड के शुरुआती संक्रमण काल में जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत वह शामिल नहीं हुए. हालांकि बीते साल से वे फिर होली के पर्व पर दोनों शोभायात्रा में शामिल होकर गोरखपुर के लोगों का होली का रंग चटक कर देते हैं.