बलरामपुर, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में हुए होमगार्ड घोटाले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा मामला बलरामपुर जिले से जुड़ा है जहां होमगार्डस ने कमांडेंट के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। होमगार्डों का आरोप है कि कमांडेंट बिना कारण बताए मनमाने ढंग से होमगार्डों को बर्खास्त करा देते हैं, साथ ही मनचाही ड्यूटी में भी रुपए की डिमांड की जाती है।


होमगार्डों ने बड़ा खुलासा करते हुए कुछ दस्तावेज पेश किए हैं जिसमें एक होमगार्ड की ज्वाइनिंग वर्ष 2001 है जबकि 2019 के रिकॉर्ड के अनुसार उसे 2011 भर्ती दिखाया गया है। होमगार्डों की हड़ताल से शहर की यातायात व्यवस्था में खासा असर पड़ा है।


मामला बलरामपुर जिले से जुड़ा हुआ है, यहां होमगार्डों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। कमांडेंट के खिलाफ हो रहे इस प्रदर्शन में होमगार्डों ने कमांडेंट पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मनमाने ढंग से होमगार्ड को रखने और हटाने का काम चल रहा है। भ्रष्टाचार का विरोध करने पर होमगार्डों को हटा दिया जाता है और बहाल करने के लिए रुपए की डिमांड की जाती है।



रुपए देने वालों को बहाल कर दिया जाता है, जबकि जो रुपया नहीं देता उसे बर्खास्त कर दिया जाता है। अभी हाल ही में 6 होमगार्डों को एक साथ बर्खास्त किया गया था जिनमें 5 से रुपए लेकर बहाल भी कर दिया गया जबकि एक होमगार्ड रुपए देने में असमर्थ था जिसके कारण उसे बहाल नहीं किया गया और वह मुफलिसी के दौर से गुजर रहा है।


होमगार्ड संघ के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र शुक्ला को भी कमांडेंट ने बर्खास्त कर दिया है। जिला अध्यक्ष का कहना है कि उन पर उपचुनाव के दौरान अनियमितता बरतने का आरोप लगाकर उन्हें बर्खास्त किया गया है जबकि उसी समय ड्यूटी करने वाले करीब 10 होमगार्डों ने शपथपत्र देकर इस आरोप को झूठा बताया था।



बर्खास्तगी का मुख्य कारण बताते हुए होमगार्ड संघ जिला अध्यक्ष ने कहा कि कमांडेंट ने जिले में अवैध वसूली का धंधा खोल रखा है जिस पर अंकुश लगाने के लिए शिकायत की जा चुकी है। शुक्ला ने कहा कि शिकायत की जानकारी होने के बाद उनपर फर्जी आरोप लगाकर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।


वहीं, प्रदर्शनकारी होमगार्डों ने दस्तावेजों के आधार पर कमांडेंट पर जॉइनिंग वर्ष में हेर-फेर करने का भी आरोप लगाया है। एक होमगार्ड ने साल 2016 की ड्यूटी लिस्ट दिखाते हुए बताया कि साल 2016 की ड्यूटी लिस्ट में कृष्ण कुमार नाम के होमगार्ड का ज्वाइनिंग वर्ष 2001 है जबकि 2019 के ड्यूटी चार्ट में उसका ज्वाइनिंग वर्ष 2011 हो जाता है। यह गड़बड़झाला कहां से हुआ है।



कमांडेंट सतीश सिंह ने पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि जो भी होमगार्ड बर्खास्त किए गए हैं उनमें एक पर असलहे के सही रख-रखाव एवं लापरवाही का आरोप है जबकि संघ के जिलाध्यक्ष होमगार्ड वीरेंद्र शुक्ला को इसलिए बर्खास्त किया गया है क्योंकि उन्होंने उपचुनाव के दौरान ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरती थी। कमांडेंट ने होमगार्ड कृष्ण कुमार के ज्वाइनिंग वर्ष में हेर-फेर के सवाल पर जांच सौंपने और रिपोर्ट आने की बात कही।