UP News: उत्तर प्रदेश में तीन नए कानूनों को लागू किए जाने के और उसके क्रियान्वयन को लेकर मंगलवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ समीक्षा की. इस बैठक में उत्तर प्रदेश में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई. बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, महानिदेशक, BPR&D और महानिदेशक NCRB सहित गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी मनोज सिंह भी अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. 


बैठक के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून दंड-केन्द्रित नहीं बल्कि पीड़ित-केन्द्रित हैं और इनका उद्देश्य त्वरित न्याय सुनिश्चित करना है. गृह मंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फरवरी माह में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा कर इन कानूनों को राज्य में पूरी तरह जल्द से जल्द लागू करने को कहा.


क्या बोले गृह मंत्री?
अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में नए आपराधिक कानूनों के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन से पूरे देश में एक अच्छा संदेश जाएगा. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उत्तर प्रदेश के सातों कमिश्नरेट्स में 31 मार्च, 2025 तक नए आपराधिक कानूनों को पूरी किया जाए. 


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तकनीक के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के हर जिले में एक से अधिक फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि फॉरेन्सिक विजिट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों – गंभीर, सामान्य और अति सामान्य में विभाजित करना चाहिए, जिससे संसाधनों और विशेषज्ञों का बेहतर उपयोग किया जा सके और गंभीर मामलों को प्राथमिकता दी जा सके.


अमित शाह ने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज की गई कुल FIRs में से कितनी FIRs राज्यों को स्थानांतरित की गईं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन में और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करनी चाहिए.