बदायूं: बदायूं जिले में आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हत्या की घटना ने निर्भया जैसे गैंगरेप का रूप ले लिया है. गैंगरेप की घटना के बाद दरिंदों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड जैसी कोई चीज डाली थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के पैर, पसली व फेफड़े भी डैमेज होने की पुष्टि हुई है. लापरवाह थाना प्रभारी को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है और दो आरोपियों के गिरफ्तार होने की बात कही है.
घटना के दो दिन बाद दर्ज की गई रिपोर्ट
उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव में 3 जनवरी की शाम को आंगनबाड़ी सहायिका मन्दिर पर पूजा करने गई थी. इसी दौरान मन्दिर के महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व ड्राइवर जसपाल ने आंगनवाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप करके उसकी हत्या कर दी. उसी 3 जनवरी की रात को महंत सत्यनारायण व उसके दोनों साथी आंगनबाड़ी सहायिका का खून से लथपथ शव उस के घर के आगे फेंक कर भाग गए थे. मामले में घरवालों ने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस पहले तो आंगनबाड़ी सहायिका की कुएं में गिरने से मौत होने की बात करती रही लेकिन परिजनों के हंगामे के बाद पुलिस ने 5 जनवरी को गैंगरेप के बाद हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया.
प्राइवेट पार्ट में डाली गई रॉड
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य निकल कर आए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड जैसी कोई चीज डालने व एक पैर, फेफड़े व पसली डैमेज होने की पुष्टि हुई. जिले के मुख्यचिकित्साधिकारी ने भी स्वयं इस बात को स्वीकारा है कि मृतका के साथ हैवानियत की सारी हदें पार दी गईं थीं. सीएमओ ने बताया कि महिला के प्राइवेट पार्ट में कई चोटों के निशान थे, महिला के शरीर मे फ्रेक्चर भी था और काफी ब्लीडिंग भी हो रही थी. सीएमओ का कहना है कि प्रथम दृष्टया गैंगरेप नज़र आ रहा है. फिलहाल मृतका का बिसरा प्रीजर्व कर लिया है और आगे की जांच जारी है.
थाना प्रभारी सस्पेंड
पूरे मामले में थाना प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह की बड़ी लापरवाही उजागर होने पर एसएसपी संकल्प शर्मा ने उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया है और उन्होंने दो आरोपी के गिरफ्तार होने की भी पुष्टि की है. जबकि दो आरोपी अभी पकड़ से बाहर हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की 4 टीमें लगी हुई है. पुलिस का कहना है कि बहुत जल्दी मुख्य आरोपी को भी गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.
मुख्य आरोपी पर 50 हजार का इनाम
घटना होने के बाद आनन-फ़ानन में पुलिस व प्रशासन के आला-अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर मौका-मुआयना किया. एसएसपी संकल्प शर्मा, जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त व एडीजी बरेली जोन अविनाश चंद्र ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवारीजनों को सांत्वना देते हुए ढांढस बंधाया और परिवार को हर तऱीके की सुरक्षा मुहैया कराने की बात कहकर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कही. वहीं फ़रार मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण पर आईजी रेंज राजेश पांडेय द्वारा 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा भी कर दी गयी.
फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे मामला
वहीं, जिलाधिकारी ने एनएसए.की कार्रवाई करने की बात कही और कहा कि हम मामले को फ़ास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे और जल्दी से जल्दी इसे सुलझाने का प्रयास करेंगे, जिससे आरोपियों को जल्दी सज़ा हो सके. पीड़ित परिवार को रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष के अंतर्गत 10 लाख रुपये के मुआवज़े की रकम दिलाने को प्रोबेशन अधिकारी द्वारा रेजिस्ट्रेशन करा दिया गया है. मृतका घर मे अकेली कमानेवाली थी इसलिए उसके परिवार को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा. मृतका की चार बेटियां और एक बेटा है, जिनमें दो की शादी हो चुकी है. जो दो बेटियां (कक्षा 7 व कक्षा 10) में पढ़ रहीं हैं उन्हें कन्या सुमंगला योजना के साथ अन्य योजनाओं का भी लाभ दिलाया जाएगा. समाजवादी पार्टी के नेता भी घटनास्थल पर पहुंच कर पीड़ित परिवार से मिले.
पुलिस की कार्यशैला पर फिर उठे सवाल
तीन जनवरी की रात को महिला के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद हत्या करने की घटना हुई थी. इसके बाद भी थाना पुलिस मामले में इतनी बड़ी लापरवाही क्यों करती रही. 5 तारीख को गैंगरेप का मुकदमा क्यों लिखा गया. पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर तत्काल शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया, आखिर परिजनों व पुलिस के अधिकारियों को उघैती थाना पुलिस गुमराह क्यों करती रही? पुलिस ने लगभग 48 घंटे बाद महिला के शव का पोस्टमार्टम क्यों कराया? ऐसे बहुत से सवाल अभी पर्दे में हैं जो मुख्य आरोपी की गिरफ़्तारी के बाद ही स्पष्ट और उजागर होंगे.
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