आगरा एबीपी गंगा, तपती गर्मी और लू के थपेड़ों का असर पर्यटकों पर भी पड़ने लगा है। शहर के ऐतिहासिक स्थलों पर सैलानियों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है, जो सैलानी पहुंच भी रहे हैं वे छाता, कैप या मुंह को दुपट्टे से ढंके देखे जा रहे हैं। दोपहर के समय में तो इनकी संख्या बेहद कम रह जाती है। इधर शहर की सड़कों पर भी गर्मी का असर दिख रहा है। लोगों ने तेज धूप में निकलना बंद कर दिया है। बेहद जरूरी होने पर ही वे घरों से निकल रहे हैं। कार्यालयों व आवासों में लोगों को कूलर और एसी की हवा में समय बिताते देखा जा सकता है।
लू के थपेड़ों ने ताजमहल, आगरा किला समेत अन्य स्मारकों का दीदार करने आ रहे सैलानियों को पसीना पसीना कर दिया है, इसलिए उनके कदमों की रफ्तार थम गई है। 44 पार पहुंच गए पारे की वजह से सैलानियों की संख्या अचानक से काफी कमी देखी जा रही है। जैसे जैसे पारा बढ़ रहा है, वैसे वैसे सैलानियों की संख्या में भी कमी आती जा रही है। हाल यह है 20 से 25 हज़ार सैलानियों की जगह अब 12 से 15 हज़ार तक सैलानी ही ताज आ रहे हैं। इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या बेहद कम है।
गर्मी में पर्यटक ताजमहल के अंदर तपते पत्थरों के कारण परेशान है। ऐसे में उन्हें शू कवर भी मुहैय्या नहीं कराए जा रहे हैं। पर्यटक जूते उतारकर गर्म पत्थरों पर चलने से बच रहे हैं। ऐसे में वह मुख्य गुम्बद पर जूते पहनकर ही पहुंच रहे हैं। तेज़ धूप के कारण गुम्बद का संगरमरमर दहक रहा है, जिस पर नन्गे पांव चलना पर्यटकों के लिए मुश्किल भरा है।
पर्यटक 1 मई 2 मई
विदेशी 1746 2134
भारतीय 11,631 12951
सार्क 245 131
कुल। 13622 15216