एक्सप्लोरर
Advertisement
कैसा होना चाहिए घर का द्वार और इसका महत्व क्या है?
कैसा होना चाहिए घर का द्वार और इसका महत्व क्या है? घर के द्वार से शुभ-समृद्धि से क्या लेना देना है। इसके बारे में विस्तृत में बताया है पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने।
नई दिल्ली, पं.शशिशेखर त्रिपाठी। कैसा हो घर का द्वार। घर के द्वार का महत्व क्या होता है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी है पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने। वास्तु में द्वार का बहुत महत्व है, घर का द्वार यदि अच्छा है और सही है, तो कई तरीके की नकारात्मकता को दूर करने में सहायक होता है। साथ ही, सुख-समृद्धि में भी वृद्धि करते हैं।
द्वार कहां और कैसा होना चाहिए?
- वास्तुशास्त्रों में द्वार की रचना पर जोर दिया गया है। द्वार को जितना मजबूत और सुंदर बनाने पर जोर है, उससे कहीं अधिक बल इस बात पर है यह वास्तु सम्मत हो।
- घर का मुख्य द्वार सभी सुखों को देने वाला होता है। यह भवन का मुख्य अंग होने के कारण एक प्रकार से मुखिया होता है।
- वास्तुपद रचना के अनुसार, यदि द्वार की स्थिति सही हो तो कई दोषों का निवारण स्वतः ही हो जाता है और सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य,धन तथा यश कीर्ति में वृद्धि होती है।
पूर्वकाल में राजमहलों और हवेलियों के निर्माण के समय द्वार निवेश पर प्रमुखता से विचार होता था। यह विचार आज भी सर्वथा प्रासंगिक है।
- द्वार पर लगाया जाने वाला किवाड़ बिल्कुल पतला नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर भुखमरी या पैसे की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
- यदि किवाड़ टेढ़ा-मेढ़ा हो, तो यह अमंगलकारी होता है। इस कारण दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है।
- यदि किबाड़ को जोड़ गड़बड़ बनाया गया हो, तो भवन मालिक कई कष्ट झेलता है। यह पारिवारिक शांति को प्रभावित करता है।
- यदि किवाड़ भवन के अंदर लटक जाए, तो बहुत कष्टकारी होता है और बाहर की ओर लटका हो तो वहां पर रहने वाले निरंतर प्रवास पर ही रहते हैं।
- दरवाजा सबसे अच्छा होता है- जिसके दो पल्ले हों, लेकिन आज कल एक पल्लों का अधिक चलन हो गया है। दो पल्ले होने में मजबूती तो रहती थी, साथ ही नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता था।
घर के दरवाजों में पहले उभरी चौखठ भी होती थी। जिससे नकारात्मक ऊर्जा अंदर नहीं आती थी, क्योंकि चौखठ होने से दरवाजा पूरी तरह बन्द हो जाता था।
- मुख्य दरवाजा घर के अन्य दरवाजों के सीध में न हो।
- दरवाजों की कुन्डी दरवाजों के बीच में भी लगानी चाहिए खास कर दक्षिण दिशा के दरवाजे पर तो अवश्य लगाएं।
- आम के पत्तों का वन्दरवार अवश्य लगाना चाहिए।
- द्वार गहरे रंग से रंगवाना चाहिए क्योंकि द्वार राहु को रिप्रेजेन्ट करता है।
- द्वार पर शुभ चिन्हृ लगाने चाहिए न कि किसी देवता की फोटो या मूर्ति।
- द्वार से आवाज नहीं आनी चाहिए, समय-समय पर ऑयलिंग अवश्य कराते रहे।
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
बिहार
बॉलीवुड
दिल्ली NCR
Advertisement
प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion