मेरठ नगर निगम में पार्षदों का जोरदार हंगामा, जनता के मुद्दों पर अफसरों को घेरा
UP News: मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में जनहित के मुद्दो पर सदन में पूरी गर्माहट रही. पार्षदों ने नगर निगम के अफसरों को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा. पक्ष विपक्ष के पार्षदों ने जनता के मुद्दे उठाए.
Meerut News: मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में जनहित के मुद्दो पर सदन में पूरी गर्माहट रही. हर मुद्दे पर मेरठ नगर निगम के अफसरों को घेरने का पार्षदों ने कोई मौका नहीं छोड़ा. जनता के मुद्दो पर पक्ष और विपक्ष के पार्षद एक ही सुर में सुर मिलाते नजर आए. कई मुद्दो पर जोरदार हंगामा भी हुआ. हंगामा भी कई कई बार हुआ और अफसरों से जवाब तलब किया गया.
मेरठ नगर निगम ने जीआईएस सर्वे में नया हाउस टैक्स लगाया है. करीब साढ़े चार लाख भवनों पर फिलहाल हाउस टैक्स होल्ड कर दिया गया है. आरोप लगे कि जीआईएस सर्वे की टीम ने कई जगह पैसे लेकर कम और कई जगह ज्यादा हाउस टैक्स लगाया. कई जगह छोटे भवनों पर ज्यादा और बड़े भवनों पर कम हाउस टैक्स लगाया. इस पर सदन में हंगामा खड़ा हो गया. पार्षदों ने हाउस टैक्स होल्ड करने और भौतिक सत्यापन के बाद ही इसे लागू करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने तीन महीने के लिए होल्ड कर दिया. अब भौतिक सत्यापन में पार्षद भी शामिल होंगे और उसके बाद ही इसे लागू किया जाएगा.
मेरठ नगर निगम पर लगा पांच करोड़ का जुर्माना
मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय के अटल सभागार में महापौर हरिकांत अहलूवालिया की अध्यक्षता में मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक हुई. पार्षदों ने डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली कंपनी बीवीजी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए. पार्षद अनुज वशिष्ठ ने कहा कई कई दिन गाड़िया वार्ड में नहीं आती हैं, यूजर चार्ज की वसूली करने को कंपनी तैयार नहीं. दो साल में कंपनी ने आठ करोड़ ही यूजर चार्ज वसूला है और नगर निगम अपने खजाने से भुगतान कर रहा है. आखिर कब तक नगर निगम का खजाना लूटा जाएगा. आखिर बीवीजी कंपनी को यूजर चार्ज से उसका भुगतान करने का एग्रीमेंट है तो फिर नगर निगम क्यों खजाना लुटा रहा है. कंपनी की गाड़िया आई या नहीं कोई रिकॉर्ड ही नहीं.
मेरठ नगर निगम पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है, इसको लेकर महापौर हरिकांत अहलूवालिया के भी तल्ख तेवर हैं और वो कह चुके हैं ये जुर्माना लापरवाह अफसरों से वसूला जाए और बोर्ड फंड से एक पैसा नहीं दूंगा. वहीं नगर निगम के पार्षदों ने भी खूब हंगामा किया कि प्लांट चलता ही नहीं और करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए. हमेशा लोहिया नगर कूड़ा निस्तारण प्लांट बंद रहता है, अधिकारी क्यों कार्यवाही नहीं करते हैं. पार्षद उत्तम सैनी और अनुज वशिष्ठ ने जब पूछा कि अब तक कितने मिट्रिक टन कूड़े का निस्तारण हुआ तो अधिकारी बगले झांकने लगे.
सफाई कर्मचारियों की आउटसोर्स पर भर्ती करेगा नगर निगम
मेरठ नगर निगम के 90 वार्डों में हजारों स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं. पार्षदों ने हंगामा करते हुए कहा कि जनता गुस्से में है कि लाइट ठीक नहीं हो रही. हम किस मुंह से जनता के बीच जाए. 72 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई गईं हैं क्या किसी ने सत्यापन किया है. ईईएसएल कंपनी क्यों नहीं सुन रही. अधिकारियों ने उसका भुगतान रोक दिया और उसने काम. जनता क्या करे. इस पर नगरायुक्त डॉक्टर अमित पाल शर्मा ने स्थिति संभाली.
मेरठ नगर निगम की आबादी के हिसाब से सफाई कर्मचारी कम हैं. ढाई सौ से ज्यादा कर्मचारी रिटायर्ड हो गए हैं कई वार्डों में दिक्कत है. पार्षद अरुण मचल वाल्मीकि ने 250 सफाई कर्मचारी आउट सोर्सिंग पर रखने का प्रस्ताव रखा, जिसे पास कर दिया गया. बोर्ड बैठक के बाहर नगर निगम के सफाई कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर हंगामा और नारेबाजी कर रहे थे. उन्हें जैसे तैसे शांत कराया गया.
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