कैसे बने Amjad Khan फिल्म Sholay के गब्बर सिंह, इसके पीछे भी है एक मजेदार किस्सा
1975 में फिल्म शोले रिलीज हुई जो हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक बनी। इसी के साथ इस फिल्म के किरदार भी अमर हो गए
ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर, कितने आदमी थे जैसे आइकोनिक डयलॉग भला किसे याद नहीं होंगे। लेकिन इन डायलॉग्स को बोलते वक्त अगर किसा एक्टर का चेहरा सामने आता है तो हैं अमजत खान। शोले जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म में अपने दमदार अभिनय से गब्बर के किरदार को अमर बनाने वाले बेहतरीन एक्टर अमजद खान भले ही इस दुनिया में ना रहे हों लेकिन उनके द्वारा निभाए गए कई किरदार आज भी लोगों के जहन में जिंदा है। लेकिन क्या आप जानते है कि जिस किरदार की वजह से आज अमजद खान दुनिया में अमर हो गए है उस किरदार को निभाने के पीछे भी काफी दिलचस्प किस्सा है।
फिल्म शोले में गब्बर के किरदार के लिए पहले मेकर्स किसी और एक्टर को कास्ट कर चुके थे।जी हां इस फिल्म में गब्बर के किरदार के लिए एक्टर डैनी को फाइनल किया गया था। इतना ही नहीं 'स्क्रीन' मैगजीन के कवर पेज पर डैनी डेंजोंगप्पा (Danny Denzongpa) के साथ 'शोले' की पूरी स्टारकास्ट की तस्वीर भी छप गई थी। लेकिन वो कहते हैं ना कि जिसकी किस्मत में जो किरदार लिखा होता है वो उसी के पास आ जाता है। दरअसल डैनी को उन्हीं दिनों फिरोज खान के साथ फिल्म 'धर्मात्मा' की शूटिं करनी थी जिसके लिए उन्हें अफगानिस्तान जाना था और इसी वजह से उन्हें 'शोले' के लिए इंकार करना पड़ा । फिर शुरू हुई तलाश नए गब्बर सिंह की। जिसके लिए फिल्म के राइटर सलीम खान खान को अमजद खान का ध्यान आया। इस बात का जिक्र सलीम साहब ने जावेद साहब से किया। क्योंकि कई साल पहले जावेद और सलीम ने अमजद को दिल्ली के एक नाटक में एक्टिंग करते देखा था जहां सलीम खान ने अमजद की जमकर तारीफ भी की थी। सीलम खान के कहने पर अमजद खान को गब्बर सिंह का किरदार मिल गाय।
इस फिल्म के बाद कामयाबी अमजद खान के कदम चूमने लगी। इतना ही नहीं वो पहले ऐसे विलेन थे जिन्हें एक बिस्कुट बनाने वाली कंपनी ने अपना ब्रैंड एंबैसडर बनाया था। लिया। इससे पहले सिर्फ हीरो ही विज्ञापनों में नजर आते थे। ये पहली बार था जब कोई विलेन किसी बड़ी कंपनी का ब्रैंड एंबैसडर बना था। गब्बर सिंह के किरदार ने अमजद खान को हमेशा के लिए हिंदी सिनेमा के इतिहास में अमर बना दिया।