आगरा, नितिन उपाध्याय। वैसे तो पूरा देश कोरोना वायरस के डर के साये में है, पर इस वायरस ने सबसे ज्यादा आगरा के जूता उद्योग को प्रभावित कर रखा है। दरअसल, चीन से आगरा को हर महीने 15 करोड़ का कच्चा माल आयात होता है। जाहिर है इस वायरस के फैलने से आयात पर भी असर पड़ा है।
आगरा के जूतों की यूरोपीय देशों में अधिक मांग है। इन जूतों के लिए कई तरह का कच्चा माल चीन से मंगाया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक, हर महीने आगरा में लगभग 15 करोड़ रुपये का माल चीन से आयात होता है।
चीन से माल आयात करने वाले बताते हैं कि शहर में कुछ ही बड़े ट्रेडर्स हैं, जो करोड़ों का माल चीन से आयात करते हैं। इसके बाद बड़े ट्रेडर्स से छोटी और मध्यम स्तर की फैक्ट्रियां माल लेती हैं, जिनकी संख्या सैकड़ों में है। अब कोरोना वायरस के अटैक के बाद जब चीन से आयात करने पर असर पड़ा, तो जिनके पास माल का स्टॉक है वो तो किसी न किसी तरह अपना काम चला पाएंगे, पर जिनका स्टॉक खत्म हो रहा है, वे एक बड़े नुकसान का सामना करेंगे।
चीन से आयात होने वाले सामान
लाइनिंग, लेस, बक्कल, ओरनामेंट, सोल, लैदर लाइनिंग, काउंटर सीट, फोम, मेटल, इनसोल आदि चीन से आयात किया जाता है।
आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चर्स एंड एक्सपोर्टस चेंबर ( एफमैक ) से जुड़े उद्यमी बताते हैं कि आगरा में हर रोज दो लाख जूते की जोड़ियां तैयार होती हैं। ताज नगरी में 10 हजार अतिसूक्ष्म, 150 सूक्ष्म, 30 माध्यम और 15 बड़ी फैक्ट्रियां हैं, इनमें साढ़े तीन लाख लोग काम करते हैं। आगरा से हर साल 3500 करोड़ रुपये का जूता निर्यात होता है। एफमैक पदाधिकारियों के अनुसार, निर्यात के लिए जो जूते बनते हैं, उनमें चीन के कई छोटे बड़े कंपोनेंट लगते हैं। ऐसे में चीन से माल नहीं आने पर आगरा का निर्यात निश्चित रूप से प्रभावित होगा।
क्या है कोरोना वायरस?
- कोरोना वायरस (सीओवी) ऐसा वायरस है, जिसके संक्रमण से आपको जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है।
- दिसंबर में चीन के वुहान में इस वायरल का संक्रमण शुरू हुआ था, इससे पहले इसके बारे में कभी नहीं सुना गया था।
- WHO के अनुसार, कोरोना वायरस के लक्षण हैं- बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश
- फिलहाल, इस वायरस को रोकने के लिए कोई भी टीका नहीं बना है।
कोरोना वायरल के बचाव
- स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना जरूरी है।
- अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल करें।
- खांसते और छीकते वक्त नाक और मुंह पर रूमाल या फिर टिश्यू पेपर रखें।
- कोल्ड और फ्लू के लक्षण वाले लोगों से दूरी बनाकर रखें।
- अंडे और मांस का सेवन न करें।
- जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
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