एबीपी गंगा। इन दिनों देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। वहीं, हाल ही में दिल्ली में हुई हिंसा में भी काफी जगह आगजनी हुई। इस दौरान बहुत लोगों की निजी संपत्ति खासकर वाहनों को जलाया और नुकसान पहुंचाया गया। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल जरूर होगा कि अगर उनकी गाड़ी के साथ ऐसा हो जाए या हुआ हो तो उन्हें क्लेम कैसे मिलेगा। हालांकि, क्लेम के लिए भी कुछ शर्ते हैं और कुछ तय प्रक्रियाएं हैं, जिनका पालन जरुरी है।


सबसे पहले तो बता दें कि बीमा नियामक ने नियमों में बदलाव कर कंपनियों को ऐसे निर्देश दिए हैं। बता दें कि 1 सितंबर, 2019 से लागू हुए नए नियमों के मुताबिक अब लोगों के लिए ऑन डैमेज (ओडी) बीमा कराना सस्ता और आसान हो गया है। अब भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (इरडा) ने एकमुश्त बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए छूट दे दी है।


बता दें कि क्लेम लेने के लिए ये जरूरी है कि उपभोक्ता ने खास पॉलिसी ली हो। वैसे अब बीमा कंपनियां भूकं, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं, तोड़फोड़ और दंगे जैसी घटनाओं से होने वाले नुकसान के लिए भी कवर मुहैया करा रही हैं। इस पॉलिसी के तहत नए और पुराने दोनों तरह के वाहन कवर होते हैं। बीमा नियामक के मुताबिक अब कंपनियां चोरी और आग लगने जैसी घटनाओं को भी पॉलिसी में शामिल करती हैं।


क्लेम लेने में पुलिस की बड़ी भूमिका
यहां यह जान लेना जरूरी है कि अगर किसी बीमाधारक की गाड़ी को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचा हो उसे क्लेम लेने की जरूरत पड़ रही तो इस प्रक्रिया में पुलिस की बड़ी भूमिका होती है। पुलिस किस धारा में मुकदमा दर्ज करती है, इसका बीमा क्लेम पर बड़ा असर पड़ता है। बीमा कंपनियों का सर्वेयर पुलिस से जानकारी लेगा कि जो नुकसान हुआ है, उसके लिए पुलिस ने क्या मुकदमा बनाया है। यह भी सनद रहे कि हर बीमा कंपनी का क्लेम देने का प्रोसेस अलग है। ऐसे में ये जरूरी है कि बीमा कंपनी से क्लेम के बारे में पहले से पूछ लें।


इन लोगों को नहीं मिलता क्लेम
बता दें कि बीमा कंपनियां उन लोगों को क्लेम नहीं देती जो किसी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा होता है। कंपनी के नियमों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति विरोध प्रदर्शन का हिस्सा होता है और इस दौरान उसकी गाड़ी को नुकसान पहुंचता है तो उसे किसी तरह का क्लेम नहीं मिलता। इस दौरान माना जाता है कि व्यक्ति जानबूझकर ऐसे माहौल में गया, जहां पहले से नुकसान की संभावना थी।


कितने दिन में पूरा होगा क्लेम
आमतौर पर बीमा कंपनियां क्लेम सेटलमेंट के लिए दो से तीन महीने का वक्त लगाती हैं। क्लेम ठीक से मिले और रिजेक्ट न हो, इसके लिए जरूरी है कि बीमा कंपनी के सर्वेयर के आने तक गाड़ी की स्थिति से छेड़छाड़ न करें। आमतौर पर सर्वेयर 24 से 48 घंटे में अपना काम कर लेते हैं। यहां ये भी बता दें कि अगर गाड़ी 75 फीसदी से ज्यादा जल गई है तो बीमा कंपनी उसके बदले पूरी रकम देगी और वाहन का रजिस्ट्रेशन कैंसल कराया जाता है।


ऐसे मिलेगा क्लेम
1. किसी भी दुर्घटना या गाड़ी को नुकसान होने पर सबसे पहले बीमा कंपनी को सूचित करना चाहिए। हालांकि, यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर दुर्घटना का कारण कोई प्राकृतिक आपदा जैसा भूकंप, बाढ़ के अलावा आग लगना, चोरी या डकैती है तो फिर पुलिस को पहले सूचित करें।


2. पॉलिसी में क्लेम से संबंधित फॉर्म को ध्यानपूर्वक पढ़कर सही-सही भरें।


3. क्लेम आवेदन के साथ सभी जरूरी कागजात जरूर जमा करें।


4. सर्वेयर के आने तक गाड़ी की स्थिति से छेड़छाड़ न करें।


5. सर्वे क्लीयर होने के बाद बीमा कंपनी आपको नुकसान की भरपाई करेगी।