पंडित शशिशेखर त्रिपाठी
क्या होती है राहु की दशा, कैसे करें राहु को खुश, राहु की दशा के क्या हैं उपाय। राहुल की दशा के कैसे रहें अलर्ट। आपके अपने एस्ट्रो फ्रेंड पंडित शशिशेखर त्रिपाठी विस्तार ने विस्तार से इसके बारे में इस लेख में बताया है।
राहु की दशा
- राहु की दशा 18 साल होती है।
- राहु के आने पर व्यक्ति आडंबर प्रिय हो जाता है। राहु प्रदर्शन कराने वाला होता है। यह गुब्बारे जैसा होता है, जो जगह अधिक घेरता है, जबकि अंदर कुछ भी नहीं होता है।
- राहु असुर है और असुर का अर्थ है जो सुर में न हो।
- राहु को विष, राजनीति, नशा, छल, प्रपंच, सट्टा, लॉटरी, आपराधिक प्रवृत्ति, गुप्त विद्या, जादू, झूठ, दमा, वायु संबंधित रोग, इन्फेक्शन, संक्रमण और सभी प्रकार की अचानक होने वाली घटना दुर्घटनाओं का कारक माना जाता है।
- राहु अधिक उत्साही भी बनाता है जो बाद में समस्या का कारण बनता है।
- राहु की दशा व अन्तरदशा में साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान देना होगा, क्योंकि राहु सर्प है।
- राहु जिस राशि के ऊपर संचरण करता है, उस राशि वाले को विष का भय रहता है। विषाक्तता की क्षमता कम या ज्यादा हो सकती है।
- राहु विष कारक होता है, इसीलिए जंगल या फिर झाड़ी में नहीं जाना चाहिए। कीड़े-मकौड़ों और मच्छरों आदि से बचाव करना चाहिए।
- राहु अशुभ प्रभाव के साथ-साथ राजयोग कारक भी होता है। कुंडली में राहु की स्थिति और युति के आधार पर फलित घटित होता है।
- राहु का प्रभाव जब घर पर आता है, तो सीवर लाइन आदि में समस्या आने लगती है।
- राहु हेल्थ के लिए कभी अच्छा नहीं है, क्योंकि वो विष है। जिन लोगों की राहु की दशा चल रही है, उनको इन रोग के प्रति अलर्ट रहना होगा।
- फूड पॉइजनिंग, डायरिया, कैंसर व आकस्मिक दुर्घटना कराने में मुख्य भूमिका राहु ही निभाता है।
- देखा गया है कि बीमारी में दवा खाने पर रिएक्शन की आशंका भी बढ़ जाती है।
- राहु का प्रभाव होने पर फूड पॉइजनिंग का खतरा मंडराता रहेगा।
- राहु की वजह से किसी प्रकार की एलर्जी का भी सामना करना पड़ सकता है।
- इन दिनों यूरीन इंफेक्शन होने की आशंका भी बहुत बढ़ जाती हैं।
- राहु गुटका खाने के लिए प्रेरित करता है।
- राहु से मलेरिया भी हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार राहु जिस राशि से गुजरता है , वहां पर अपने विष का प्रभाव अवश्य छोड़ता है।
- कोई कीड़ा काट ले, तो अन्य राशि वाले की अपेक्षा उसके पकने की अधिक आशंका रहती है।
उपाय
- पीने के पानी की सफाई पर विषेश ध्यान देना चाहिए। पानी को फिल्टर करके या फिर उबाल कर पीएं। जब तक राहु से प्रभावित हों तब तक पानी में पनपने वाले बैक्टीरिया इन लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- बासी खाना इन्हें नहीं खाना चाहिए।
- राहु के कुप्रभावों से बचने के लिए बहुत कायदे से नहाना चाहिए।
- चंदन का परफ्यूम लगाना चाहिए, क्योंकि राहु सर्प है और चंदन के ऊपर सर्प के विष का प्रभाव नहीं पड़ता है, ‘चंदन विष व्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग’।
- हाथ-पैर के नाखून काट कर रखें, खाने से पहले हाथ धोएं।
- चंदन सोप और पाउडर का प्रयोग करना चाहिए, इससे राहु शांत होता है।
- मच्छरों और मक्खियों की रोक थाम के लिए कारगर कदम उठाएं।
- आवारा कुत्तों को ब्रेड या रोटी खिलाएं, न खाने पर भी प्रयास जारी रखें।
- गुटखा या तंबाकू आदि का सेवन करते हों तो तुरंत बंद कर दें, क्योंकि राहु कैंसर का भी कारक होता है।
राजयोग कारक राहु
राहु यदि पॉजटिव प्लेनट व पॉजटिव हाउस में होता है तो बहुत उन्नति करता है।
राहु शांति उपाय
राहु के कोप को शांत करने के लिए भगवान शंकर की उपासना करनी चाहिए और उनके गले में जो शेषनाग है उनकी भी विशेष पूजा अरचना करनी चाहिए।
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