उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से 70 किमी दूर तिकोनिया इलाके में 3 अक्टूबर को दोपहर करीब तीन बजे हिंसा हुई. इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई. हिंसा की यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई. घटना के बाद उप मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया था. 


आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया. इसके बाद यूपी में सियासत तेज हो गई है. विपक्षी नेता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. दरअसल, दंगल का ये कार्यक्रम तिकुनिया से चार किमी दूर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में ही था.


घटना के बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, दुर्घटना करने और बलवा की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. इसी एफआईआर में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी का भी नाम शामिल है. धारा 120 बी के तहत केस दर्ज हुआ है. आपराधिक षड्यंत्र करने का भी आरोप है.


लखीमपुर खीरी में कैसे भड़की हिंसा
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रविवार को लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे. दोपहर को उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनवीरपुर में दंगल कार्यक्रम में शिरकत होने जाना था. अजय मिश्रा उनके साथ ही मौजूद थे. केशव प्रसाद मौर्य और अजय मिश्रा रविवार को दोपहर करीब 1:30 बजे आपने काफिले के साथ लखीमपुर से बनवीरपुर के लिए निकले थे. उन्हें रिसीव करने के लिए बनवीरपुर से तीन गाड़ियां निकली थीं. ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई जा रही हैं. 


तिकुनिया में किसान काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रही गाड़ियों का काफिला जब तिकुनिया से निकला, तो प्रदर्शनकारी किसानों से उनकी झड़प हो गई. संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि 'अजय मिश्रा के बेटे के इस काफिले' ने किसानों को कुचल दिया. हालांकि अजय मिश्रा ने दावा किया है कि इस घटना के वक्त उनका बेटा वहां काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं था.


हिंसा के बाद प्रशासन के सख्त कदम उठाते हुए लखीमपुर खीरी में धारा 144 लागू कर दी. इसके अलावा इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है. स्कूल-कॉलेज भी अगले आदेश तक बंद हो गए. इसके अलावा बाहरी लोगों के जिले में आने जाने पर रोक लगा दी गई है. उधर विपक्षी नेताओं में प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव समेत तमाम नेता लखीमपुर खीरी के दौरे पर निकले, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया.


24 घंटे में किसानों और यूपी सरकार के बीच हुआ समझौता
लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद से किसान नेता यहां लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. हिंसा के करीब 24 घंटे बाद प्रशासन और किसान नेताओं के बीच समझौता हो गया. मृतक किसानों के पार्थिव शरीरों को घटना स्थल से पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, वहीं किसान भी अब अपने अपने गंतव्य स्थानों की ओर बढ़ने लगे हैं. किसानों की मांग मानते हुए यूपी सरकार ने मृतकों को 45 लाख रुपए का मुआवजा, घायलों को 10 लाख का मुआवजा देने का एलान किया है. साथ ही इस पूरे घटना क्रम की एक रिटायर्ड हाई कोर्ट जज के द्वारा ज्यूडिशियल जांच आर्डर की गई है. इसके अलावा मृतकों के परिवार के एक सदस्य को उसके योगिता के अनुसार लोकल स्थर पर नौकरी दी जाएगी.


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