Uttarakhand Cyber Attack: उत्तराखंड में बृहस्पतिवार की सुबह अचानक हुए एक बड़े साइबर हमले ने राज्य के पूरे आईटी सिस्टम को ठप कर दिया, जिससे सरकारी कामकाज पर गंभीर प्रभाव पड़ा. इस हमले के चलते प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण सरकारी वेबसाइटें और सेवाएं पूरी तरह से बंद हो गईं, जिनमें सीएम हेल्पलाइन, भूमि रजिस्ट्री, और ई-ऑफिस जैसे महत्वपूर्ण प्लेटफार्म शामिल हैं. सरकारी दफ्तरों में दिनभर कामकाज ठप रहा, जिससे सचिवालय समेत राज्यभर में प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हुआ.


साइबर हमले का बड़ा असर


हमला इतना खतरनाक था कि राज्य के सबसे अहम स्टेट डाटा सेंटर और  सिक्योर इंटरनेट सर्विस यूके स्वान भी इसकी चपेट में आ गए. एक के बाद एक सरकारी वेबसाइटें बंद होती चली गईं, जिनमें सीएम हेल्पलाइन और अपुणि सरकार. जैसी 800 से अधिक सेवाएं देने वाली वेबसाइट शामिल थीं. जनता की शिकायतें दर्ज करने के लिए बनाई गई सीएम हेल्पलाइन को भी दिनभर ठप रहना पड़ा. इस साइबर हमले के चलते प्रदेश में 90 से ज्यादा वेबसाइटें पूरी तरह से बंद हो गईं, जिससे सरकारी और सार्वजनिक सेवाओं की ऑनलाइन पहुंच बाधित हो गई.


ई-ऑफिस प्लेटफार्म, जिसे राज्य सरकार द्वारा सचिवालय और अन्य सरकारी दफ्तरों में प्रशासनिक कार्यों को डिजिटल रूप में संचालित करने के लिए लागू किया गया था, भी बंद हो गया. सचिवालय में सभी फाइलें लंबित हो गईं और जिन जिलों में ई-ऑफिस लागू था, वहां भी कोई कामकाज नहीं हो सका. 


आईटी विभाग में हड़कंप


साइबर हमले की जानकारी मिलते ही सचिव आईटी नितेश झा और आईटीडीए निदेशक नितिका खंडेलवाल अपनी टीम के साथ तुरंत सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) पहुंच गए. विशेषज्ञों की टीम दिनभर वायरस से छुटकारा पाने और सेवाओं को पुनः चालू करने में जुटी रही, लेकिन प्रयास असफल रहे. सचिव आईटी ने हमले के नुकसान की आशंका को देखते हुए सभी सेवाएं बंद करने के आदेश दिए, ताकि डाटा और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. देर शाम तक विशेषज्ञों की टीम यूके स्वान को अस्थायी रूप से चालू करने में सफल रही, लेकिन स्टेट डाटा सेंटर से जुड़ी सभी वेबसाइटें खबर लिखे जाने तक बंद ही रहीं.


सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित


इस साइबर हमले का सीधा असर आम जनता पर पड़ा, जो सीएम हेल्पलाइन और अपुणि सरकार की सेवाओं का उपयोग कर रही थी. जनता दिनभर इन सेवाओं का उपयोग करने के लिए क्लिक करती रही, लेकिन सभी वेबसाइट ठप रहने के कारण कोई सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी. सरकारी कामकाज पूरी तरह से रुक जाने से राज्य के विभिन्न जिलों में जनता के कामकाज भी प्रभावित हुए. 


हमले के कारणों की जांच


साइबर हमले के कारणों की भी गंभीरता से जांच की जा रही है. सचिव आईटी नितेश झा ने कहा कि विशेषज्ञों की टीम हमले से प्रभावित सेवाओं को पुनः सुचारू रूप से चलाने के प्रयास कर रही है. यूके स्वान को अस्थायी रूप से चालू किया जा चुका है, और जल्द ही बाकी सेवाओं को भी बहाल करने के प्रयास जारी हैं. साथ ही, इस साइबर हमले के कारणों की भी पूरी तरह से पड़ताल की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.


सुरक्षा उपायों की जरूरत


यह साइबर हमला उत्तराखंड की आईटी संरचना की कमजोरियों को उजागर करता है और इस बात की ओर इशारा करता है कि राज्य की साइबर सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राज्य की वेबसाइटों और सरकारी सेवाओं की साइबर सुरक्षा को तुरंत सुदृढ़ नहीं किया गया, तो भविष्य में और भी बड़े हमलों का सामना करना पड़ सकता है. 


यह घटना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और सरकारी सेवाओं को सुरक्षित रखा जा सके.


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