उत्तराखंड: पौड़ी में मानसून की मॉक ड्रिल में खुली विभाग की पोल, डेड पड़े रहे सभी फोन
मानसून सीजन की तैयारियों को लेकर आपदा प्रबंधन तंत्र में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. मॉक ड्रिल को लेकर विभाग में कई खामियां देखने को मिली.
पौड़ी. मानसून सीजन में आपदाओं से निपटने के लिए पौड़ी का आपदा प्रबंधन विभाग आखिर कितना तैयार है इसको जांचने के लिये पौड़ी में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. मॉक ड्रिल में कई अव्यवस्थायें नजर आई. जिस आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से मॉक ड्रिल के लिये चुस्त-दुरूस्त होना था उसके सभी फोन डेड पड़े रहे.
फोन करने पर आपदा प्रबंधन विभाग के फोन तक नहीं बजे. यहां तक कि आपदा प्रबंधन विभाग में लगा सायरन तक खराब होने के कारण नहीं बज पाया. स्टाफ महज सैटेलाईट फोन से मॉक ड्रिल की सूचनाएं लेता नजर आया. वहीं आपदा के घटित हो जाने के घंटों बाद भी घटना की सपष्ट सूचना आपदा प्रबंधन विभाग इसी कारणवश नहीं दे सका.
मानूसन मॉक ड्रील के आयोजन में प्रशासन को तीन आपदाएं अलग-अलग क्षेत्रों में होने की सूचना मिली थी. जिसमें ननकोट गांव में बादल फटने की सूचना प्रशासन को प्राप्त हुई जबकि रांसी में भारी भूस्खलन होने और कंडोलिया टेका मार्क पर बस दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना दी गई. मौके के लिये अलग-अलग घटनास्थल के रवाना टीम ने हालातों का जायजा लेते हुए तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
बचाव टीम को पता चला कि ननकोट में बादल फटने की घटना में तीन घर आपदा की भेंट चढ़ गये. एक गौशाला के क्षतिग्रस्त पर कई मवेशी के मलबे में दबने और 5 से 7 लोगों के घर आपदा में क्षतिग्रस्त होने से इनके दबने की सूचना पर रेस्क्यू किया गया. काफी देर तक सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा कर पाई.
क्या बोले अधिकारी?
मॉक ड्रिल में पेश आयी अव्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी पौड़ी ने बताया कि जो कमियां मॉक ड्रिल में देखने को मिली है उन्हें सुधार लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: