एक्सप्लोरर

उत्तराखंड में वन्यजीव हमलों ने बढ़ाई टेंशन, 2024 में 231 घटनाएं, वन विभाग के नीतियों पर सवाल

Human Wildlife Conflict in Uttarakhand: हालिया दिनों उत्तराखंड में मानव- वन्यजीव संघर्ष में इजाफा हुआ है. कई जिलों में यह बड़ी समस्या के रुप में उजागर हुआ है, जिसमें वन विभाग की खामी भी नजर आई है.

Uttarakhand News Today: उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर समस्या बन गया है. इसकी वजह से पिछले कुछ दशकों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई जबकि कई लोगों के घायल होने की घटनाएं सामने आई हैं. 

साल 2000 में उत्तराखंड गठन से लेकर 2022 तक वन्यजीवों के हमले में 1055 लोगों की मौत हो चुकी है. इसी तरह साल 2006 से 2022 के बीच 4 हजार 375 लोग घायल हुए हैं. हालांकि, हाल के आंकड़े इस समस्या की गंभीरता को और अधिक स्पष्ट करते हैं.

वन्यजीव हमलों के आंकड़े
इससे पहले साल 2022 में मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण 325 लोग घायल हुए और 82 लोगों की जान चली गई, जिससे कुल 407 घटनाएं दर्ज हुईं. इसी तरह बीते साल यानी 2023 में 391 घटनाओं में 325 लोग घायल हो गए, जबकि 66 लोगों की मौत हो गई.

इस साल यानी 2024 की शुरुआत में अब तक कुल मानव- वन्यजीव संघर्षों की 231 घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें 190 लोग घायल और 41  लोगों की मौत हो चुकी है. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य में वन्यजीवों के हमले की समस्या लगातार बनी हुई है और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरुरत है.

वन विभाग की नीतियों में खामियां
हिमालयी राज्य उत्तराखंड को वन्यजीव और वनसंपदा के लिहाज से समृद्ध माना जाता है. यहां बाघ, गुलदार, हाथी और अन्य वन्यजीवों का सुरक्षित वास है, लेकिन इंसानों पर हो रहे हमले वन विभाग की नीतियों पर सवाल खड़े करते हैं. 

सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राज्य के हर जिले में वन्यजीवों के हमले हो रहे हैं. खासकर गुलदार के हमले पर्वतीय क्षेत्रों में चिंता का प्रमुख कारण बने हुए हैं. 

वनकर्मियों के पास संसाधनों की कमी 
अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर और गढ़वाल के पर्वतीय जिलों में गुलदार के हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन वन विभाग के पास मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है. 

कुछ डिवीजनों को छोड़कर अधिकांश जगहों पर वनकर्मियों के पास सुरक्षा संसाधनों की कमी है, जिससे यह समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है.

एक्सपर्ट ने क्या कहा?
आंकड़ों से स्पष्ट है कि वन्यजीवों के हमलों को रोकने के लिए वन विभाग की मौजूदा रणनीतियां पर्याप्त नहीं हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा और इंसानी बस्तियों के साथ उनका संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. 

हर घटना के बाद शोध और सर्वे तो किए जाते हैं, लेकिन उनपर अमल न होने के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष की समस्या लगातार बढ़ रही है. वन विभाग को इस दिशा में त्वरित और ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे ऐसी घटनाओं को नियंत्रित किया जा सके.

ये भी पढ़ें: अखिलेश यादव के सांसद की संपत्ति कुर्क करने का आदेश, अब सपा MP ने दी सफाई

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
Nana Patekar ने 'गदर' के डायरेक्टर अनिल शर्मा को मजाक-मजाक में कह दिया 'बकवास आदमी', वजह भी खुद बताई
नाना पाटेकर ने बॉलीवुड के इस बड़े डायरेक्टर का उड़ाया मजाक!
IND vs AUS: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में क्यों नहीं खेल रहे हार्दिक पांड्या? टेस्ट टीम में कब तक हो पाएगी वापसी
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में क्यों नहीं खेल रहे हार्दिक पांड्या? टेस्ट टीम में कब तक हो पाएगी वापसी
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
Nana Patekar ने 'गदर' के डायरेक्टर अनिल शर्मा को मजाक-मजाक में कह दिया 'बकवास आदमी', वजह भी खुद बताई
नाना पाटेकर ने बॉलीवुड के इस बड़े डायरेक्टर का उड़ाया मजाक!
IND vs AUS: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में क्यों नहीं खेल रहे हार्दिक पांड्या? टेस्ट टीम में कब तक हो पाएगी वापसी
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में क्यों नहीं खेल रहे हार्दिक पांड्या? टेस्ट टीम में कब तक हो पाएगी वापसी
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Embed widget