Kanpur News: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने में जुटी हुई है और भरे मंच से इस बात का ऐलान भी खूब करती नजर आती है. वहीं उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का दावा करने वाली योगी सरकार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है. अधिकारी सरकार की योजनाओं और सुविधाओं पर सट्टा लगाते नजर आ रहे हैं. भ्रष्टाचार निचले स्तर से शुरू होकर ऊंचे अधिकारियों के टेबल तक कैसे पहुंच चुका है. कानपुर देहात के सरकारी जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड कराने के लिए खुलेआम 100 रुपए मांगे जा रहे हैं.
जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए मांगे जा रहे 100 रुपए
वैसे तो सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार की खबर आना कोई नई बात नहीं है लेकिन सरकार की महत्वकांक्षी सुविधाओं को जब पलीता लगाया जाता है तो इसमें सिर्फ और सिर्फ बेबस और मजबूर इंसान ही इसकी चपेट में आता है. सरकारी अस्पतालों में गरीब असहाय और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जाती है.
हालांकि इन सुविधाओं में किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं होता है, इसमें किसी भी वर्ग का व्यक्ति सुविधाओं का लाभ ले सकता है. वहीं सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं के लिए तमाम सुविधाएं और योजनाएं चलाई जा रही हैं. बावजूद इसके कानपुर देहात जिला अस्पताल के कर्मचारी अपनी हरकतों और भ्रष्टाचार से बाज नहीं आ रहे हैं.
अस्पताल के कर्मचारी ले रहे घूस
ताजा मामला कानपुर देहात के जिला अस्पताल में भर्ती महिला वर्ल्ड में एक मरीज का है, जो गर्भावस्था के दौरान गायनोलॉजिस्ट की सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराने जिला अस्पताल गई थी. पीड़िता के जेठ अमित का आरोप है कि अल्ट्रासाउंड कराने के लिए जैसे ही पर्चा डॉक्टर के सामने रखा उन्होंने उसका पर्चा लेने से मना कर दिया.
हालांकि उसके बाद पीड़ित के वापस लौटते ही डॉक्टर ने उससे अल्ट्रासाउंड कराने के बदले में 100 रुपए की मांग कर दी. जिसके बाद मजबूर होकर अमित ने 100 की जगह 50 रुपए देने की बात कही, लेकिन लैब में मौजूद एक कर्मचारी ने अमित से 100 रुपए देने की बात करते हुए कहा कि बिना 100 रुपए दिए अल्ट्रासाउंड नहीं हो सकता है.
सीएमएस से की गई शिकायत
जिसके बाद अमित ने अस्पताल के कर्मचारी द्वारा 100 रुपए की घूस मांगे जाने पर अपने मोबाइल से सरकारी कर्मचारी का वीडियो बनाना शुरू कर दिया और बात ही बात में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए 100 रुपए की लेनदेन की प्रक्रिया पीड़ित के मोबाइल में कैद हो गई. जिसके बाद पीड़ित ने महिला विभाग की सीएमएस वंदना सिंह से लिखित में इस पूरे प्रकरण की शिकायत कर दी.
कानपुर देहात का जिला अस्पताल कई बार अपने कारनामों से सुर्खियां बटोर चुका है. कभी जिला अस्पताल में किसी मरीज को एक्सपायरी डेट की दवाई लगा दी जाती है तो कभी इलाज के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं. हालांकि भ्रष्टाचार का यह लेनदेन निचले स्तर तक ही सीमित नहीं है. सूत्रों की मानें तो उसकी छोटी-छोटी रकम बड़े-बड़े अधिकारियों में भी बराबर से बांटी जाती है. वहीं जब हमने महिला सीएमएस वंदना सिंह से इस बाबत बात की तो उन्होंने जांच का हवाला देकर कार्रवाई करने की बात की है.
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